बिहार विधानसभा चुनाव 2025 (Bihar Assembly Elections 2025) में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने शानदार बहुमत हासिल कर लिया है, जिससे राज्य में उसकी सरकार बनना तय है। वहीं महागठबंधन का हाल बेहाल हो गया है। आरजेडी को 25 सीटें मिलती दिखाई दे रहीं हैं। इसके बाद कांग्रेस को 6 सीटों पर जीत मिली है। राज्य में कांग्रेस की स्थिति बेहद ही खराब हो गई है।
राहुल गांधी ने धांधली से चुनाव जीतने का लगाया आरोप
लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने बिहार में मिली हार को लेकर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है कि मैं बिहार के उन करोड़ों मतदाताओं का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने महागठबंधन पर अपना विश्वास जताया।
उन्होंने आगे कहा कि बिहार का यह परिणाम वाकई चौंकाने वाला है। हम एक ऐसे चुनाव में जीत हासिल नहीं कर सके, जो शुरू से ही निष्पक्ष नहीं था। यह लड़ाई संविधान और लोकतंत्र की रक्षा की है। कांग्रेस पार्टी और INDIA गठबंधन इस परिणाम की गहराई से समीक्षा करेंगे और लोकतंत्र को बचाने के अपने प्रयासों को और अधिक प्रभावी बनाएंगे।
मैं बिहार के उन करोड़ों मतदाताओं का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने महागठबंधन पर अपना विश्वास जताया।
बिहार का यह परिणाम वाकई चौंकाने वाला है। हम एक ऐसे चुनाव में जीत हासिल नहीं कर सके, जो शुरू से ही निष्पक्ष नहीं था।
यह लड़ाई संविधान और लोकतंत्र की रक्षा की है। कांग्रेस…
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 14, 2025
इन सीटों पर कांग्रेस ने दर्ज की जीत
बिहार में कांग्रेस ने 61 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे लेकिन सिर्फ 6 सीटों पर ही जीत नसीब हुई। इस चुनाव में जिनती मेहनत आरजेडी ने की तो वहीं प्रचार प्रसार में कांग्रेस नजर ही नहीं आई। कांग्रेस के इन 6 उम्मीदवारों ने जीत का परचम लहराया है। सुरेंद्र प्रसाद (वाल्मीकि नगर), अभिषेक रंजन (चनपटिया), मनोज विश्वास (फारबिसगंज), अबिदुर रहमान (अररिया), मोहम्मद कमरुल होदा (किशनगंज) और मनोहर प्रसाद सिंह (मनिहारी)।
चुनाव से पहले कांग्रेस की थी बड़ी तैयारी
बता दें कि जब बिहार में चुनाव का ऐलान नहीं हुआ था उससे पहले कांग्रेस ने तैयारियां शुरू कर दी थी। राहुल ने चुनावों से पहले वोटर अधिकार यात्रा का आयोजन भी किया और राज्य में घूम-घूम कर मतदाताओं को यह समझाने की कोशिश की थी कि बीजेपी वोट चुरा रही है। राहुल को इस यात्रा से बहुत सी उम्मीदें थी लेकिन इस सब उम्मीदों पर पानी फिर गया। कांग्रेस को यकीन नहीं था कि बिहार में उसको इस स्थिति से गुजरना होगा।





