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Fri, Dec 19, 2025

Bihar Chunav: क्या RJD के चुनाव बहिष्कार से कांग्रेस बनेगी बिहार की नई ताकत?

Written by:Deepak Kumar
Published:
Bihar Chunav: क्या RJD के चुनाव बहिष्कार से कांग्रेस बनेगी बिहार की नई ताकत?

बिहार की राजनीति हमेशा से उतार-चढ़ाव भरी रही है, लेकिन इस बार चर्चा का केंद्र बना है RJD प्रमुख तेजस्वी यादव का ‘चुनाव बहिष्कार’ वाला बयान। वोटर वेरिफिकेशन विवाद के बीच तेजस्वी ने जिस अंदाज में चुनाव से दूर रहने की बात कही, उससे राज्य की राजनीति में नई अटकलें शुरू हो गई हैं। अब सियासी गलियारों में यह चर्चा तेज हो गई है कि अगर RJD वाकई कोई बड़ा फैसला लेती है, तो इसका सीधा असर चुनावी समीकरणों पर पड़ेगा।

RJD हटेगी तो कांग्रेस भर सकती है खाली जगह

अगर RJD चुनाव का बहिष्कार करती है, तो सबसे बड़ा फायदा कांग्रेस को हो सकता है। वर्षों से बिहार में हाशिये पर चल रही कांग्रेस के लिए यह एक सुनहरा मौका होगा। राज्य में जो वोट परंपरागत रूप से RJD को मिलते रहे हैं—जैसे अल्पसंख्यक, दलित, गरीब और युवा मतदाता—वे विकल्प के रूप में कांग्रेस की ओर रुख कर सकते हैं। कांग्रेस इस समय खुद को महागठबंधन के मजबूत चेहरे के रूप में पेश करने की कोशिश कर रही है, और RJD की अनुपस्थिति में वह विपक्ष की मुख्य पार्टी बन सकती है।

कांग्रेस को मिल सकता है नया जीवन

अगर कांग्रेस इस मौके को सही ढंग से इस्तेमाल करती है, तो वह बिहार में फिर से मजबूती से खड़ी हो सकती है। यह राज्य न सिर्फ चुनावी दृष्टि से अहम है, बल्कि पूरे देश में पार्टी की साख को भी प्रभावित कर सकता है। कांग्रेस को फिर से अपना परंपरागत वोट बैंक (दलित, अल्पसंख्यक और गरीब तबका) वापस लाने का मौका मिल सकता है। इसके अलावा, युवा मतदाताओं को भी पार्टी अपनी ओर खींचने की तैयारी में है। प्रियंका गांधी और राहुल गांधी बिहार पर ध्यान दे रहे हैं और संगठन स्तर पर भी काम शुरू हो चुका है।

लेकिन कांग्रेस के सामने भी हैं चुनौतियां

हालांकि कांग्रेस के पास मौका बड़ा है, लेकिन उसकी तैयारियां अभी पूरी नहीं हैं। राज्य में संगठन कमजोर है, कई जिलों में पार्टी की कोई मजबूत उपस्थिति नहीं है, और स्थानीय नेताओं में आपसी टकराव बना रहता है। RJD और BJP जैसी पार्टियों की तुलना में कांग्रेस अभी भी जमीन पर कमजोर मानी जाती है। इसलिए अगर उसे इस मौके को भुनाना है, तो संगठन को मजबूत करना, कार्यकर्ताओं को सक्रिय करना और एकजुट रणनीति बनानी होगी।

बीजेपी को भी मिल सकती है राहत, लेकिन खतरा भी

RJD के मैदान से हटने पर BJP को कुछ हद तक राहत मिल सकती है क्योंकि उसे सीधी टक्कर कांग्रेस से मिलेगी, जो इस वक्त उतनी मजबूत नहीं है। लेकिन अगर कांग्रेस इस मौके को सही तरह से इस्तेमाल कर लेती है और खुद को विपक्ष के मजबूत विकल्प के तौर पर खड़ा कर लेती है, तो भाजपा को भविष्य में एक नई चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। यानी यह लड़ाई अब दोहरी हो सकती है—एक तरफ कांग्रेस के लिए यह पुनर्जीवित होने का मौका है, वहीं भाजपा के लिए नए विपक्ष के उभरने का खतरा भी।