बिहार में लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बीच पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव का एक बयान चर्चा का विषय बन गया है। न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में उन्होंने मोहम्मद अली जिन्ना को लेकर जो टिप्पणी की, उसने देशभर में बहस छेड़ दी है। पप्पू यादव ने साफ कहा कि मोहम्मद अली जिन्ना को गाली देना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा, “जिन्ना चाहे कितने भी सही या गलत क्यों न हों, वे गाली के लायक नहीं हैं।”
उन्होंने देश के बंटवारे की बात करते हुए कहा कि इसकी जिम्मेदारी अकेले जिन्ना पर नहीं डाली जा सकती। उनके मुताबिक, उस वक्त की राजनीतिक परिस्थितियों ने बंटवारे की भूमिका तय की। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, “जब वाजपेयी और आडवाणी पाकिस्तान गए थे, तो किसने जिन्ना की मजार पर चादर चढ़ाई थी?”
नीतीश कुमार पर बीजेपी की साजिश?
पप्पू यादव ने बिहार की कानून-व्यवस्था पर चिंता जताई और कहा कि राज्य में जो घटनाएं हो रही हैं, वे नीतीश कुमार की साख को गिराने की कोशिश हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि “यह सब बीजेपी की एक सुनियोजित साजिश है, जिससे नीतीश कुमार को कमजोर किया जा सके।”
उन्होंने यह भी कहा कि उपेंद्र कुशवाहा और चिराग पासवान जैसे नेता सरकार पर हमला कर रहे हैं, जबकि वे उसी गठबंधन के साथ चुनाव लड़ने की बात कर रहे हैं। पप्पू यादव बोले, “मुझे नहीं लगता कि ये नेता नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ने को तैयार हैं।”
मराठी भाषा विवाद पर दो टूक
पप्पू यादव ने महाराष्ट्र में मराठी भाषा के मुद्दे पर कहा कि “हम मुंबई में राज ठाकरे से लड़ेंगे और बिहार में किसी मराठी संगठन को काम करने की इजाजत नहीं देंगे।” यह बयान भी चर्चा का कारण बन गया है।
तेजस्वी यादव पर सीधा हमला
तेजस्वी यादव को लेकर भी पप्पू यादव ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने उन्हें ‘अहंकारी युवराज’ बताया। मतदाता सूची संशोधन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान ट्रक पर चढ़ने से रोके जाने पर पप्पू यादव बोले, “मैं गिर गया, चोट लगी लेकिन मैं किसी के लिए नहीं बना हूं। मेरे नेता राहुल गांधी वहां थे, इसलिए मुझे मंच पर रहने की जरूरत नहीं थी।”





