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Sun, Dec 21, 2025

हे भगवान! बिहार में ‘छात्रों का गुस्सा’ फूटा, ‘डोमिसाइल नीति’ पर छिड़ी जंग, क्या सच में बाहरी ले रहे नौकरियां?

Written by:Deepak Kumar
Published:
हे भगवान! बिहार में ‘छात्रों का गुस्सा’ फूटा, ‘डोमिसाइल नीति’ पर छिड़ी जंग, क्या सच में बाहरी ले रहे नौकरियां?

चुनावी वर्ष में बिहार में डोमिसाइल नीति का मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है. शुक्रवार (01 अगस्त, 2025) को बिहार स्टूडेंट यूनियन (BSU) के बैनर तले सैकड़ों छात्र पटना की सड़कों पर उतर आए. पटना कॉलेज से मार्च शुरू होकर गांधी मैदान के पास जेपी गोलंबर तक पहुंचा, जहां पुलिस ने बैरिकेडिंग कर छात्रों को रोक दिया. छात्रों की मांग है कि बिहार में सरकारी नौकरियों में स्थानीय युवाओं के लिए आरक्षण लागू किया जाए.

100% डोमिसाइल आरक्षण की मांग

प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि प्राथमिक शिक्षक भर्ती में 100% डोमिसाइल आरक्षण लागू होना चाहिए. इसके अलावा, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती, पुलिस (दारोगा/सिपाही), बीपीएससी और अन्य सरकारी नौकरियों में कम से कम 90% सीटें बिहारी युवाओं के लिए आरक्षित की जानी चाहिए. उनका आरोप है कि डोमिसाइल नीति लागू न होने के कारण अन्य राज्यों के उम्मीदवार बिहार में आकर नौकरी पा रहे हैं, जिससे स्थानीय युवाओं का हक मारा जा रहा है. छात्रों का कहना है कि बिहार की सरकारी नौकरियों पर पहला अधिकार बिहारी युवाओं का है.

आंदोलन की चेतावनी – ‘डोमिसाइल नहीं… तो वोट नहीं’

छात्र नेताओं ने चेतावनी दी कि अगर राज्य सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानीं तो पूरे बिहार में बड़े पैमाने पर आंदोलन होगा. उन्होंने कहा कि देश के कई राज्यों में पहले से ही स्थानीय आरक्षण लागू है, लेकिन बिहार में यह नीति खत्म कर दी गई, जो स्थानीय युवाओं के साथ अन्याय है. चुनावी साल में उन्होंने ‘डोमिसाइल नहीं… तो वोट नहीं’ का नारा दिया और कहा कि अगर मांग नहीं मानी गई तो सरकार को वोट की चोट देकर सत्ता से बाहर कर देंगे.

पुलिस-छात्रों में धक्का-मुक्की, माहौल तनावपूर्ण

जब छात्रों ने सीएम आवास की ओर बढ़ने की कोशिश की तो पुलिस ने बैरिकेड लगाकर उन्हें रोकने का प्रयास किया. इस दौरान दोनों पक्षों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई और पुलिस ने छात्रों को खदेड़ दिया. मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा ताकि हालात बिगड़ने न पाएं. छात्रों का कहना है कि उनकी लड़ाई पूरी तरह अहिंसक है, लेकिन अगर सरकार ने अनदेखी की तो आंदोलन और उग्र होगा.