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Fri, Dec 19, 2025

आज से बिहार विधानमंडल का ‘मॉनसून सत्र’: 5 बैठकों में होंगे ‘धमाकेदार फैसले’, कई बिल होंगे पेश, जानें…

Written by:Deepak Kumar
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बिहार विधानसभा का मॉनसून सत्र आज से शुरू हो रहा है जो 25 जुलाई तक चलेगा। इसमें 12 विधेयक लाए जाएंगे। विपक्ष कानून-व्यवस्था और वोटर लिस्ट मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी में है।
आज से बिहार विधानमंडल का ‘मॉनसून सत्र’: 5 बैठकों में होंगे ‘धमाकेदार फैसले’, कई बिल होंगे पेश, जानें…

बिहार विधानमंडल के मॉनसून सत्र की शुरुआत आज सोमवार से हो रही है। यह सत्र नीतीश कुमार सरकार के मौजूदा कार्यकाल का अंतिम सत्र होगा। सत्र कुल 5 दिनों तक चलेगा और 25 जुलाई को समाप्त होगा। विधानसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे से और विधान परिषद की कार्यवाही दोपहर 12 बजे से शुरू होगी। सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं क्योंकि विपक्ष कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में है।

विपक्ष करेगा तीखा हमला, धरना-प्रदर्शन के संकेत

मॉनसून सत्र में विपक्ष महागठबंधन सरकार को कानून व्यवस्था, वोटर लिस्ट पुनरीक्षण अभियान (SIR), बेरोजगारी और किसान मुद्दों को लेकर घेरने वाला है। विपक्ष का कहना है कि बिहार में ‘महाजंगलराज’ की स्थिति है और अपराध की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। वहीं SIR को लेकर आरोप है कि गरीब मतदाताओं का नाम सूची से जानबूझकर हटाया जा रहा है, जिससे चुनाव प्रभावित हो सकें।

आज पेश होगा अनुपूरक बजट

पहले दिन यानी सोमवार को बिहार सरकार चालू वित्तीय वर्ष के लिए अनुपूरक बजट पेश करेगी। इसके साथ ही राज्यपाल की ओर से स्वीकृत क्रय आदेश और विभिन्न समितियों की रिपोर्टें भी सदन में प्रस्तुत की जाएंगी। यह सत्र विधानसभा और विधान परिषद दोनों के लिए महत्वपूर्ण रहने वाला है, क्योंकि इसमें कई विधेयकों पर चर्चा होगी।

हर दिन का कार्यक्रम तय

मंगलवार और बुधवार को सदन में राजकीय विधेयक पेश किए जाएंगे और अन्य राजकीय कार्य भी होंगे। गुरुवार को अनुपूरक बजट पर विस्तार से चर्चा होगी और वोटिंग के बाद विनियोग विधेयक भी पेश किया जाएगा। शुक्रवार को मॉनसून सत्र का आखिरी दिन होगा, जिसमें गैर-सरकारी संकल्पों पर चर्चा होगी।

12 विधेयकों पर होगी चर्चा

सरकार इस सत्र में कुल 12 विधेयक लेकर आ रही है, जिनमें 4 नए विधेयक और 8 संशोधन विधेयक शामिल हैं। इनमें से कई विधेयक युवाओं, बेरोजगारों, मजदूरों और किसानों के हित से जुड़े हुए हैं। इन विधेयकों को दोनों सदनों से पारित कराकर कानून का रूप दिया जाएगा। सत्र के दौरान यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार अपने विधेयकों को लेकर कितनी मजबूती से सामने आती है और विपक्ष कितना प्रभावी ढंग से अपनी बात रखता है।