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Mon, Dec 22, 2025

बिहार के वरिष्ठ अफसर एस सिद्धार्थ ने ली VRS, नवादा से चुनाव लड़ने की अटकलें तेज

Written by:Vijay Choudhary
Published:
प्रशासनिक सेवा में तीन दशक से अधिक समय देने के बाद उनका राजनीति में प्रवेश गवर्नेंस और नीति निर्माण में विशेषज्ञता लाने वाला कदम माना जा सकता है। अब देखना दिलचस्प होगा कि वे किस पार्टी से जुड़ते हैं और कौन सी सीट से चुनावी रण में उतरते हैं।
बिहार के वरिष्ठ अफसर एस सिद्धार्थ ने ली VRS, नवादा से चुनाव लड़ने की अटकलें तेज

आईएस एस सिद्धार्थ

बिहार सरकार में शिक्षा विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी डॉ. एस सिद्धार्थ ने वॉलंट्री रिटायरमेंट (VRS) लेकर प्रशासनिक सेवा को अलविदा कह दिया है। लंबे समय से सत्ता के गलियारों में उनकी राजनीतिक पारी को लेकर चल रही चर्चाओं को अब और बल मिल गया है। माना जा रहा है कि वे 2025 के विधानसभा चुनाव में नवादा जिले से किस्मत आजमा सकते हैं। डॉ. एस सिद्धार्थ का ब्यूरोक्रेटिक करियर 29 वर्षों से अधिक का रहा है। इस दौरान उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार में मुख्यमंत्री के सचिव से लेकर गृह, उद्योग, शिक्षा और शहरी विकास जैसे विभागों में शीर्ष पदों पर काम किया। वे मुज़फ्फरपुर, भोजपुर, औरंगाबाद और लोहरदगा जैसे जिलों के डीएम भी रह चुके हैं। वे भारत सरकार के भारी उद्योग मंत्रालय में निदेशक और बिहार सरकार के शहरी विकास विभाग, ग्रामीण कार्य, श्रम, आईटी और उद्योग विभाग के सचिव रहे हैं।

नीतिगत फैसलों में बड़ी भूमिका

उनका प्रशासनिक कार्यकाल कई महत्वपूर्ण नीतिगत बदलावों से जुड़ा रहा है। शहरी विकास विभाग में उन्होंने बिहार अर्बन प्लानिंग एंड डिवेलपमेंट एक्ट 2014, बिल्डिंग बायलॉज और पटना मेट्रो की DPR तैयार करवाई। उद्योग विभाग में बिहार इंडस्ट्रियल पॉलिसी 2016, स्टार्टअप पॉलिसी 2017 और Ease of Doing Business के कई सुधारों की रूपरेखा तय की। सिद्धार्थ ने हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट, सिल्क उद्योग और स्किल डिवेलपमेंट के क्षेत्र में भी सराहनीय कार्य किया है।

कई संस्थानों के प्रमुख और सलाहकार रहे

वे बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन के मिशन डायरेक्टर, लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास संस्थान के डीजी, गन्ना विभाग के प्रमुख सचिव, बिहार फाउंडेशन के CEO और BIADA के चेयरमैन जैसे पदों पर कार्यरत रहे। इसके अलावा, वे सेंटर फॉर इकनॉमिक पॉलिसी एंड पब्लिक फाइनेंस के चेयरमैन और कई सरकारी PSUs के बोर्ड में डायरेक्टर भी रहे हैं। उनके पास कॉमर्स, इन्वेस्टमेंट, ई-गवर्नेंस और लोक प्रशासन में विशेष विशेषज्ञता मानी जाती है।

नवादा से चुनाव लड़ने की अटकलें तेज

सूत्रों के मुताबिक, डॉ. एस सिद्धार्थ आगामी विधानसभा चुनाव में नवादा जिले की किसी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि उन्होंने अभी तक किसी पार्टी में शामिल होने की औपचारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन माना जा रहा है कि वो सत्तारूढ़ गठबंधन के करीबी हैं और उनके अनुभव का लाभ राजनीति में भी उठाया जा सकता है। पूर्व आईएएस अधिकारियों के चुनावी मैदान में उतरने की परंपरा बिहार में नई नहीं है। सिद्धार्थ की छवि ईमानदार, नीतिगत रूप से सक्षम और विकासोन्मुख अफसर की रही है, जिससे उनकी राजनीतिक संभावनाएं भी मजबूत मानी जा रही हैं।

डॉ. एस सिद्धार्थ का VRS लेना बिहार की राजनीति में एक नई हलचल का संकेत है। प्रशासनिक सेवा में तीन दशक से अधिक समय देने के बाद उनका राजनीति में प्रवेश गवर्नेंस और नीति निर्माण में विशेषज्ञता लाने वाला कदम माना जा सकता है। अब देखना दिलचस्प होगा कि वे किस पार्टी से जुड़ते हैं और कौन सी सीट से चुनावी रण में उतरते हैं।