बिहार विधानसभा के मानसून सत्र में मंगलवार को विपक्षी दलों ने काले कपड़े पहनकर जोरदार प्रदर्शन और नारेबाजी की. इस घटनाक्रम पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में विरोध का अधिकार सबको है, लेकिन विधानसभा जैसी संस्था में इस प्रकार का प्रदर्शन करना असंवैधानिक और जनता के जनादेश का अपमान है. उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष जानबूझकर सदन की कार्यवाही को बाधित कर रहा है.
“सदन की गरिमा को किया नुकसान”
डॉ. जायसवाल ने विपक्षी विधायकों के आचरण को ‘सदन की गरिमा के खिलाफ’ बताया. उन्होंने कहा कि विधानसभा में जिन मुद्दों को विपक्ष उठाने का दावा कर रहा है, उनके समाधान के लिए संवाद और सार्थक बहस की आवश्यकता है. नारेबाजी और अराजकता फैलाकर कोई भी लोकतांत्रिक समाधान नहीं निकल सकता. उन्होंने विपक्ष पर जनता के मुद्दों से भटकाने का आरोप भी लगाया.
SIR प्रक्रिया पर विपक्ष की आपत्ति गलत
बैकडोर NRC और मतदाता वंचना जैसे आरोपों पर भाजपा नेता ने कहा कि विपक्ष पूरी तरह से भ्रम फैला रहा है. उन्होंने स्पष्ट किया कि SIR (विशेष पुनरीक्षण) प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में पारदर्शिता से चलाई जा रही है. इस प्रक्रिया में केवल मृत, डुप्लीकेट या फर्जी दस्तावेज़ वाले नाम हटाए जा रहे हैं, आम नागरिकों की नागरिकता पर कोई सवाल नहीं उठाया जा रहा है.
चुनाव आयोग के समर्थन में उतरी बीजेपी
डॉ. जायसवाल ने चुनाव आयोग का पक्ष लेते हुए कहा कि आयोग ने स्वयं सुप्रीम कोर्ट में 88 पन्नों का शपथ-पत्र देकर बताया है कि SIR के चलते किसी की नागरिकता रद्द नहीं होगी. उन्होंने जोर देकर कहा कि मतदाता सूची की शुद्धता सुनिश्चित करना लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा है, न कि कोई षड्यंत्र जैसा विपक्ष बता रहा है.
“जनता को गुमराह कर रहा विपक्ष”
बीजेपी अध्यक्ष ने विपक्ष पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि जनता को गुमराह करने की भ्रामक कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार विकास और जनसेवा के एजेंडे पर काम कर रही है, जबकि विपक्ष केवल नकारात्मक राजनीति कर रहा है. डॉ. जायसवाल ने विपक्ष से आग्रह किया कि वे लोकतांत्रिक प्रक्रिया का सम्मान करें और सदन में जिम्मेदार आचरण दिखाएं.





