साथ या अलग चुनाव लड़ने की चर्चाओं के बीच लोक जनशक्ति पार्टी (राष्ट्रवादी) यानी LJP(R) ने गुरुवार को साफ कर दिया कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए के घटक के रूप में उसे कम से कम 43 सीटें चाहिए। पार्टी के सांसद और प्रधान महासचिव अरुण भारती ने हालांकि सीटों की सही संख्या का खुलासा नहीं किया, लेकिन उन्होंने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर लिखा कि सीटों की संख्या 43 और 135 के बीच होनी चाहिए।
पार्टी का इतिहास और गठबंधन
अरुण भारती ने बताया कि LJP(R) की स्थापना वर्ष 2000 में हुई थी और तब से अब तक पार्टी ने कभी भी JD(U) के साथ बिहार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा। उन्होंने कहा कि 2025 का विधानसभा चुनाव LJP(R) के लिए ऐतिहासिक होगा, क्योंकि पहली बार पार्टी JD(U) के साथ गठबंधन में चुनाव मैदान में उतरेगी। इससे पहले पार्टी ने 2015 में NDA के साथ मिलकर 43 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 2020 में 137 सीटों पर चुनावी लड़ाई लड़ी थी।
चिराग पासवान का नेतृत्व
2000 से लेकर 2025 तक LJP(R) अपने नेता चिराग पासवान के नेतृत्व में लगातार मजबूत होती रही है। अरुण भारती ने कहा कि पार्टी ने हर चुनाव में अपने संगठन और कार्यकर्ताओं के दम पर मजबूत पकड़ बनाई है। 2025 का चुनाव पार्टी के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि पहली बार NDA के भीतर सीटों के बंटवारे में LJP(R) को सम्मानजनक हिस्सा मिलना चाहिए।
सीट बंटवारे का सुझाव
अरुण भारती ने सोशल मीडिया पर लिखा कि उनकी व्यक्तिगत राय में आगामी विधानसभा चुनाव में NDA के भीतर LJP(R) के लिए सीट बंटवारे का सम्मानजनक आंकड़ा 2015 और 2020 के चुनाव में मिली सीटों के बीच का होना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि पार्टी केवल उतनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जो उसके संगठन और जनसमर्थन के लिहाज से उचित हों।
LJP(R) के लिए ऐतिहासिक
विश्लेषकों का मानना है कि LJP(R) का यह रुख आगामी चुनाव में बड़ा राजनीतिक संकेत है। पार्टी की मांगें और सीटों की संख्या पर जोर, गठबंधन में शक्ति संतुलन की दिशा तय कर सकती हैं। यह चुनाव पार्टी के लिए इसलिए भी ऐतिहासिक है क्योंकि पहली बार JD(U) के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ते हुए LJP(R) अपनी स्थिति और लोकप्रियता का प्रदर्शन करेगी।





