बिहार चुनाव के पहले चरण से ठीक एक दिन पहले सीमांचल में जुबानी जंग चरम पर पहुंच गई। AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को महागठबंधन के सीएम फेस तेजस्वी यादव को ‘उम्र का कच्चा और जुबान का भी कच्चा’ बताते हुए जमकर लताड़ा। कसबा और ठाकुरगंज की सभाओं में ओवैसी ने कहा, “लालू का बेटा मुझे चरमपंथी कहता है। यदि सीमावर्ती इलाके का विकास, मुसलमानों के हक और उनकी सुरक्षा की लड़ाई चरमपंथ है, तो मैं चरमपंथी हूं!” भीड़ ने तालियां बजाकर हामी भरी।
ओवैसी ने तेजस्वी को चुनौती दी, “बाबू, एक्सट्रीमिस्ट अंग्रेजी में लिखकर बता दो!” उन्होंने दावा किया कि तेजस्वी ने यह शब्द पाकिस्तान से उधार लिया है। ओवैसी बोले, “मैं नमाज पढ़ता हूं, कुरान पढ़ता हूं, दाढ़ी-टोपी रखता हूं, इसलिए चरमपंथी? तो तेजस्वी की नजर में हर नमाजी, हर हिजाब वाली बहन चरमपंथी है!” भीड़ से पूछा, “11 नवंबर को बताओगे कौन चरमपंथी है?

सीमांचल की किस्मत नहीं बदली
ओवैसी ने नीतीश-बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा, “20 साल से सत्ता की साझेदारी चल रही है, लेकिन सीमांचल की किस्मत नहीं बदली। नौजवान पलायन कर रहे, बच्चे स्कूल से महरूम। हिंदू राष्ट्र बनाने का ऐलान हो रहा, हमें रोकना है!” उन्होंने तेजस्वी पर तंज कसा, “आसमान में उड़ रहे हो, इंशाअल्लाह जनता जमीन पर सुला देगी।” ओवैसी ने ऐलान किया, “एनडीए और महागठबंधन दोनों को हराओ, AIMIM को वोट दो।”
तेजस्वी का ‘चरमपंथी’ तीर
विवाद की शुरुआत रविवार को हुई जब तेजस्वी ने इंटरव्यू में AIMIM से गठबंधन न करने की वजह बताते हुए ओवैसी को ‘चरमपंथी’ कहा। इसके बाद AIMIM उम्मीदवार तौसीफ आलम ने तेजस्वी को आंख निकालने और जुबान काटने की धमकी तक दे डाली। ओवैसी ने इसे खारिज नहीं किया, बल्कि मुस्लिम वोटों को एकजुट करने की रणनीति तेज कर दी। पहले चरण की 121 सीटों में सीमांचल की 24 सीटें तय करेंगी कि तेजस्वी का ‘चरमपंथी’ तीर ओवैसी के लिए बूमरैंग बनेगा या नहीं।










