बिहार की मशहूर लोकगायिका और अलीनगर से बीजेपी प्रत्याशी मैथिली ठाकुर (Maithili Thakur) ने अपने विपक्षी उम्मीवार विनोद मिश्रा को हराकर बड़ी जीत दर्ज की है। अब वे बिहार की सबसे कम्र की विधायक बन गई हैं। 25 वर्षीय मैथिली ने RJD के दिग्गज नेता विनोद मिश्रा को 11730 वोटों से हराया है। प्रचार प्रसार के दौरान सोशल मीडिया पर उनका काफी ट्रोल भी किया गया लेकिन फिर भी वे चुनावी मैदान में डटकर खड़ी रहीं।
बता दें कि अलीनगर चुनाव लड़ना मैथिली की इच्छा थी। इसके बाद बीजेपी ने उन पर भरोसा जताते हुए अपना प्रत्याशी घोषित किया। ये कहना गलत नहीं होगा कि मैथिली को जिताने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और धमेंद्र प्रधान जैसे दिग्गज नेताओं ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। मैथिली ने भी पार्टी के विश्वास को मजबूत रखा और जनादेश को पाकर जीत हासिल की।
14 नवंबर को बीजेपी की ली सदस्यता
मैथिली ठाकुर ने कहा था, मैं अलीनगर में घर बनाना चाहती हूं और इसे ही अपना स्थायी ठिकाना बनाऊंगी। मेरे ननिहाल की जड़ें यहीं हैं। मैं कहीं और नहीं रहना चाहती। 14 नवंबर को उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। इससे पहले भाजपा महासचिव विनोद तावड़े और केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय के साथ उनकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में खबर फैल गई कि अब मैथिली राजनीति में अपना कदम रखने जा रही हैं।
मैथिली को कहां से मिली पहचान?
मैथिली ठाकुर अपनी मुधर आवाज में सीता राम भजन, मिथिली की गारी, भोजपुरी भजन गाती हैं। उनके वीडियो सोशल मीडिया पर बहुत वायरल होते हैं। इतना ही नहीं सोशल मीडिया के जरिए उन्होंने अपनी गायिका के रूप में पहचान बनाई। मैथिली बचपन से ही संगीत के प्रति समर्पित रही हैं और उनके 2 छोटे भाई भी उनके साथ ही परफॉर्म करते हैं। उनके वीडियो पर मिलियन व्यूज आते हैं। इसके साथ ही भजन संध्या और कई कार्यक्रमों में भी अपनी गायिकी से लोगों का दिल जीत लेती हैं। मैथिली के भजन लाखों लोग पसंद करते हैं।
बता दें कि उन्हें कई सम्मानों से नवाजा गया है, जिसमें 2021 में संगीत नाटक अकादमी का उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार, लोकमत सुर ज्योत्सना नेशनल म्यूजिक अवॉर्ड, और 2024 में पीएम नरेंद्र मोदी से नेशनल क्रिएटर्स अवॉर्ड शामिल हैं।





