मायावती की भभुआ में हुंकार; कैमूर में बसपा की सियासी चाल, क्या पलटेगा रणनीति खेल

बसपा ने कैमूर में भभुआ से विकास उर्फ लल्लू पटेल, मोहनियां से ओम प्रकाश दीवाना, रामगढ़ से सतीश उर्फ पिंटू यादव और चैनपुर से धीरज उर्फ भान सिंह को मैदान में उतारा है।

बिहार विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती गुरुवार को भभुआ में जोरदार जनसभा करेंगी। सभी 243 सीटों पर उम्मीदवार उतार चुकी बसपा की नजर कैमूर की चारों सीटों भभुआ, मोहनियां, रामगढ़ और चैनपुर पर है। मायावती का यह दौरा दलित और पिछड़े वर्ग के मतदाताओं को लामबंद करने की रणनीति का हिस्सा है। उनकी मौजूदगी से कैमूर में सियासी समीकरण बदलने की उम्मीद जताई जा रही है।

बसपा ने कैमूर में भभुआ से विकास उर्फ लल्लू पटेल, मोहनियां से ओम प्रकाश दीवाना, रामगढ़ से सतीश उर्फ पिंटू यादव और चैनपुर से धीरज उर्फ भान सिंह को मैदान में उतारा है। पार्टी ने सबसे पहले इन चारों सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर अपनी ताकत दिखाई। 2005 में भभुआ और 2020 में चैनपुर में जीत दर्ज कर चुकी बसपा की जड़ें इस इलाके में गहरी हैं। मायावती की सभा से पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश और मतदाताओं में उत्साह बढ़ने की उम्मीद है।

भभुआ इस बार सियासी हॉटस्पॉट

भभुआ इस बार सियासी हॉटस्पॉट बना हुआ है। राजद विधायक भरत बिंद के भाजपा में जाने से समीकरण उलझ गए हैं, और बसपा प्रत्याशी लल्लू पटेल ने माहौल को और गर्म कर दिया है। कैमूर में दलित मतदाताओं की बड़ी संख्या बसपा के लिए हमेशा से ताकत रही है। मायावती अपनी सभा में एनडीए और महागठबंधन पर हमला बोलते हुए सामाजिक न्याय और दलित-बहुजन सशक्तीकरण का एजेंडा पेश करेंगी।

क्या मायावती की हुंकार कैमूर में बसपा को कामयाबी दिलाएगी?

6 नवंबर को पहले चरण का मतदान है, और मायावती का यह दौरा बसपा की रणनीति का टर्निंग पॉइंट हो सकता है। पार्टी ने अकाश आनंद के नेतृत्व में पहले ही सर्वजन हिताय यात्रा शुरू कर दलित-ओबीसी-मुस्लिम गठजोड़ को मजबूत करने की कोशिश की है। क्या मायावती की हुंकार कैमूर में बसपा को 2005 और 2020 जैसी कामयाबी दिलाएगी? यह सवाल पूरे बिहार में चर्चा का केंद्र बना हुआ है।


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