बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग से ठीक पहले आए आईएएनएस-मैट्रिज़ ओपिनियन पोल ने सियासी हलचल मचा दी है। सर्वे में एनडीए की भारी जीत का अनुमान है, जहां गठबंधन को 153 से 164 सीटें मिल सकती हैं। वहीं खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘हनुमान’ कहने वाले चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी को बड़ा झटका लगता दिख रहा है। 29 सीटों पर चुनाव लड़ रही LJP को महज 4 से 5 सीटें ही मिलने की भविष्यवाणी की गई है, जिससे पार्टी का स्ट्राइक रेट बेहद कम हो जाएगा।
सर्वे के मुताबिक, भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी और उसे 83-87 सीटें हासिल होंगी। नीतीश कुमार की जदयू 61-65 सीटें जीत सकती है। छोटे सहयोगियों में जीतनराम मांझी की हम को 4-5 सीटें मिलने का अनुमान है, जो उनकी 6 सीटों के हिसाब से 90 फीसदी स्ट्राइक रेट देगा। चिराग पासवान ने लोकसभा चुनाव में हाई स्ट्राइक रेट के दम पर विधानसभा में ज्यादा सीटें मांगी थीं, लेकिन अब यह सर्वे उनकी पार्टी के लिए चेतावनी बन गया है।

महागठबंधन को सर्वे में करारा झटका
महागठबंधन को सर्वे में करारा झटका लगा है। तेजस्वी यादव की अगुवाई वाली आरजेडी को 62-66 सीटें और पूरे गठबंधन को 76-87 सीटें मिलने का अनुमान है। कांग्रेस को सबसे बड़ा नुकसान होगा, जो 62 सीटों पर लड़ रही है, लेकिन महज 7-9 सीटें ही जीत पाएगी। यह 2017 यूपी चुनाव की तरह तेजस्वी की गलती साबित हो सकती है, जहां अखिलेश यादव ने कांग्रेस को ज्यादा सीटें देकर नुकसान उठाया था।
ओपिनियन पोल में नीतीश कुमार मुख्यमंत्री की पहली पसंद
ओपिनियन पोल में नीतीश कुमार मुख्यमंत्री की पहली पसंद बने हुए हैं, जिन्हें 46 फीसदी समर्थन मिला है। तेजस्वी यादव 15 फीसदी पर हैं, जबकि चिराग पासवान और प्रशांत किशोर को 8-8 फीसदी। एनडीए का वोट शेयर 49 फीसदी और महागठबंधन का 38 फीसदी रहने का अनुमान है। पहले चरण में 121 सीटों पर 6 नवंबर को वोटिंग होगी, जहां यह सर्वे एनडीए के लिए जोश और विपक्ष के लिए चुनौती बन गया है।










