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Fri, Dec 12, 2025

लाखों शिक्षकों-कर्मियों के लिए अच्छी खबर! नई तबादला नीति पर अपडेट, जल्द कैबिनेट में आएगा प्रस्ताव, प्रक्रिया शुरू

Written by:Pooja Khodani
नई स्थानांतरण नीति की अधिसूचना जारी होते ही शिक्षकों से तबादला ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे और नई नियुक्ति के आदेश जारी किए जाएंगे।

Bihar Teacher Transfer Policy : बिहार के लाखों सरकारी स्कूल के शिक्षकों व कर्मियों के लिए खुशखबरी है। राज्य की नीतीश सरकार ने शिक्षकों व कर्मियों को जल्द नए साल का तोहफा देने की तैयारी में है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राज्य सरकार ने शिक्षकों के लिए नई तबादला नीति लाने जा रही है। शिक्षा विभाग शिक्षक स्थानांतरण नियमावली को अंतिम रूप देने में जुटा हुआ है। संभावना है कि नए साल के पहले महीने में विभाग इसका प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट को  मंजूरी के लिए भेज सकता है, यहां से हरी झंड़ी मिलने के बाद इसे लागू किया जाएगा।

नए साल में लागू होगी नया तबादला नीति?

वर्तमान में राज्य में लगभग 79 हजार स्कूल है, जिसमें प्राथमिक विद्यालय 40 हजार 270 , मध्य विद्यालय 27 हजार 903 और बुनियादी विद्यालय 391 शामिल है।इन स्कूलों में 6 लाख के करीब शिक्षक, विशिष्ट शिक्षक, विद्यालय अध्यापक, प्रधानाध्यापक और प्रधान शिक्षकों कार्यरत है।नई नियमावली का लाभ इन सभी को एक समान मिलेगा। नई स्थानांतरण नीति की अधिसूचना जारी होते ही शिक्षकों से तबादला ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे।

नई नियमावली में इन बातों पर फोकस

  • मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो नई नियमावली 3 आधार पर तैयार की जाएगी ताकी शिक्षकों की सुविधा, स्थानांतरण प्रक्रिया की पारदर्शिता और स्कूलों में पढ़ाई बाधित न हो। नई नियमावली में शिक्षकों की सुविधा को प्राथमिकता दी जाएगी। नियुक्ति के पाँच साल तक शिक्षकों को तबादले का मौका नहीं मिलेगा।इससे अनावश्यक तबादला आवेदनों में कमी आएगी और शिक्षा व्यवस्था अधिक स्थिर बनेगी। हालांकि, गंभीर बीमारी या अन्य जरूरी कारणों के आधार पर पांच साल पूरा होने से पहले भी ऐच्छिक तबादला संभव हो सकेगा।
  • यह नियम शिक्षकों को एक ही स्थान पर टिक कर गुणवत्तापूर्ण शिक्षण प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।नई नीति सभी शिक्षकों (पुराने शिक्षक, विशिष्ट शिक्षक, विद्यालय अध्यापक, प्रधानाध्यापक और प्रधान शिक्षकों) के लिए एकीकृत दिशा-निर्देश उपलब्ध कराएगी क्योंकि 2006 में नियोजित शिक्षकों की बहाली शुरू होने के बाद से ही तबादले पर स्पष्ट नीति तय नहीं हो सकी थी जिससे बार बार ड्राफ्ट बने लेकिन लागू नहीं हुए।