पटना में नीतीश सरकार के सपनों का डबल डेकर पुल अब भ्रष्टाचार के आरोपों के घेरे में आ गया है। 422 करोड़ रुपये की लागत से बने इस पुल पर हाल ही में एक गड्ढा दिखाई दिया, जिसने सियासी बवाल खड़ा कर दिया। सरकार ने गड्ढे को पैच वर्क से भर दिया, लेकिन विपक्ष ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि “पेवंद लगाने से अब कुछ नहीं होगा”। उनका आरोप है कि यह पुल निर्माण की खराब गुणवत्ता और भ्रष्टाचार का परिणाम है।
गुणवत्ता पर उठे सवाल, बारिश बनी वजह
लगातार हो रही झमाझम बारिश के बीच पुल की सड़क पर गड्ढा बनने से इसकी निर्माण गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए। विपक्ष का कहना है कि इतने महंगे और नए पुल में बारिश के कारण गड्ढा होना भ्रष्टाचार की साफ निशानी है। वहीं, सरकार का कहना है कि पुल के स्ट्रक्चर और सुपर स्ट्रक्चर में कोई तकनीकी खराबी नहीं है, और यह सिर्फ सतह पर हुई हल्की क्षति है, जिसे तुरंत ठीक कर दिया गया।
मंत्री नितिन नवीन का सफाई बयान
भ्रष्टाचार के आरोपों पर सड़क निर्माण विभाग के मंत्री नितिन नवीन ने कहा, “कहीं कोई गड्ढा नहीं था, स्ट्रक्चर में कोई गड़बड़ी नहीं है। कुछ लोग बेवजह भ्रम फैला रहे हैं। मानसून में इस तरह की स्थिति आ सकती है, इसमें कोई तकनीकी गलती नहीं है।” उन्होंने दावा किया कि पुल की मजबूती पूरी तरह सुरक्षित है और लोगों को गुमराह नहीं किया जाना चाहिए।
विपक्ष का पलटवार, भ्रष्टाचार का आरोप
आरजेडी नेता शक्ति सिंह यादव ने सरकार पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा, “एक बारिश में डबल डेकर पुल ने दम तोड़ दिया। यही है नीतीश कुमार के विकास का नमूना।” उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में किसी भी टेंडर में कई लोग ‘शेयर’ लेते हैं, और बिना शेयर के कोई काम नहीं होता। विपक्ष का कहना है कि पुल निर्माण में आवंटित रकम का बड़ा हिस्सा बंटवारे में चला गया, जिससे गुणवत्ता से समझौता हुआ।





