बिहार में नई एनडीए की सरकार बनते ही कई बड़े फैसले लिए जा रहे हैं। इसके साथ ही रूकी हुई परियोजनाओं पर भी ध्यान दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में बड़े उद्योगों को लाने का वादा किया था जो अब पूरा होते दिखाई दे रहा है। राज्य में पहली बार न्यूक्लियर पावर प्लांट लगने की तैयारी की जा रही है। जिसको लेकर सर्वे की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है।
बता दें कि केंद्र सरकार के 100 गीगावाट न्यूक्लियर एनर्जी लक्ष्य में बिहार अब बड़ा पार्टनर बनने जा रहा है न्यूक्लियर पावर प्लांट राज्य में तीन जगहों पर सीवान, बांका और रजौली में स्थापित होना है। न्यूक्लियर पावर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NPCIL) और नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (NTPC) की संयुक्त टीम विभिन्न तकनीकी और भौगोलिक मानकों का परीक्षण कर रही है। ऐसा माना जा रहा है कि जल्द की सर्वे की रिपोर्ट तैयार हो जाएगी।
गृह मंत्री सम्राट चौधरी ने दी परियोजना की जानकारी
इस महत्वपूर्ण परियोजना की जानकारी राज्य के गृह मंत्री सम्राट चौधरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ के माध्यम से शेयर की है। उन्होंने लिखा कि केंद्र सरकार द्वारा बिहार के सीवान, बांका और रजौली में न्यूक्लियर पावर प्लांट लगाने की तैयारी शुरू हो चुकी है। इसके लिए NPCIL–NTPC ने सर्वे का काम आरंभ कर दिया है।
संयुक्त टीम तीनों जगहों पर भूकम्प, पानी की उपलब्धता, जमीन की उपलब्धता, आबादी का घनत्व तथा जमीन की स्थिति से जुड़े सभी पहलुओं की जांच कर रही है। संयुक्त टीम केंद्र और राज्य सरकार को जल्द ही अपनी विस्तृत रिपोर्ट सौंपेगी। देश में 100 गीगावॉट परमाणु ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य जल्द पूरा हो सके, इसके लिए ये कदम अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
केंद्र सरकार द्वारा बिहार के सीवान, बांका और रजौली में #न्यूक्लियर_पावर_प्लांट लगाने की तैयारी हुई शुरू!
माननीय प्रधानमंत्री श्री Narendra Modi जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने बिहार में 3 न्यूक्लियर पावर प्लांट लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए सीवान, बांका और रजौली में… pic.twitter.com/8jyT6vgy2m
— Samrat Choudhary (@samrat4bjp) December 7, 2025
इस परियोजना से बिहार को होंगे ये फायदे
इन पावर प्लांट्स के निर्माण से प्रदेश के युवाओं के लिए लाखों नौकरियों के द्वार खुलेंगे जिससे पलायन की समस्या बहुत कम हो जाएगी। इसके अलावा बिहार को ऊर्जा हब के रूप में स्थापित होगा। इन तीन न्यूक्लियर पावर प्लांट की स्थापना से राज्य को स्थायी ऊर्जा स्रोत, तकनीकी निवेश, हजारों रोजगार और उद्योगों को नई ऊर्जा मिलने की संभावना है। ऐसा माना जा रहा है कि बांका में 500 मेगावाट बिजली का निर्माण और रजौली में स्थापित होने वाले न्यूक्लियर पावर प्लांट में 2,000 मेगावाट बिजली बनाई जाएगी।
बता दें कि अगर यह प्लांट बिहार में स्थापित हो जाता है तो यह राज्य के ऊर्जा क्षेत्र में ऐतिहासिक बदलाव ला सकता है। न केवल बिहार बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर बनेगा, बल्कि उद्योग, आईटी, रेलवे और घरेलू उपभोक्ताओं को स्थायी ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी।





