बिहार चुनाव से पहले राज्य को एक बड़ा तोहफा मिला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 सितंबर को पूर्णिया में बिहार का चौथा सिविल एयरपोर्ट उद्घाटित किया। इससे पहले पटना, गया और दरभंगा एयरपोर्ट ही सक्रिय थे। यह नया एयरपोर्ट 3,000 वर्ग मीटर में बने अंतरिम पोर्टा केबिन टर्मिनल पर आधारित है, जिसकी क्षमता एक साथ 300 यात्रियों की है। इसका 2.8 किलोमीटर लंबा रनवे इतना मजबूत है कि उस पर एयरबस A320 और बोइंग 737 जैसे बड़े विमान भी आसानी से उतर सकते हैं।
किन्हें मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा?
पूर्णिया एयरपोर्ट से फिलहाल अहमदाबाद के लिए हवाई सेवा शुरू की गई है, हालांकि दिल्ली के लिए फ्लाइट अभी उपलब्ध नहीं है। इस एयरपोर्ट से पूर्णिया, अररिया, किशनगंज, कटिहार और भागलपुर जिलों के लोगों को बड़ा फायदा होगा। साथ ही पश्चिम बंगाल के मालदा और आसपास के जिले भी इससे लाभान्वित होंगे। इतना ही नहीं, नेपाल के विराटनगर, इतहरी, झापा और मोरंग जैसे इलाके भी सीधे तौर पर जुड़ जाएंगे। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, इससे सीमांचल समेत बिहार, बंगाल और नेपाल के लोगों की यात्रा आसान होगी और कारोबार, शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा मिलेगा।
अब नहीं करनी होगी लंबी दूरी तय
अब तक उत्तर-पूर्वी बिहार के लोगों को दरभंगा, बागडोगरा या देवघर जैसे एयरपोर्ट तक जाना पड़ता था। दरभंगा पूर्णिया से लगभग 200 किलोमीटर दूर है, वहीं बागडोगरा करीब 160 किलोमीटर और देवघर करीब 200 किलोमीटर की दूरी पर है। इन जगहों तक पहुंचने में चार से पांच घंटे लग जाते थे। लेकिन पूर्णिया एयरपोर्ट शुरू होने के बाद लोगों को लंबी यात्रा करने की जरूरत नहीं होगी। अब पूर्णिया–पटना के बीच हवाई सफर एक घंटे से भी कम में और पूर्णिया–कोलकाता के बीच महज दो घंटे में पूरा हो सकेगा।
UDAN योजना के तहत बनी खास सुविधा
पूर्णिया एयरपोर्ट को केंद्र सरकार की UDAN (उड़े देश का आम नागरिक) योजना के तहत विकसित किया गया है। इस योजना से यात्रियों को सस्ती टिकट और बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। खास बात यह है कि एयरपोर्ट को प्रीफैब्रिकेटेड पोर्टा केबिन से बनाया गया है, जिससे निर्माण कार्य तेजी से पूरा हो सका। दरभंगा एयरपोर्ट की तरह यहां भी इसी तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। नए एयरपोर्ट से सीमांचल और आसपास के लोगों की परेशानी कम होगी और क्षेत्र में विकास की रफ्तार तेज होगी।





