साल 2025 खत्म होने की कगार पर है। इस साल राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) की किताबों में बड़े बदलाव देखने को मिले। जिसका असर राजनीतिक गलियारों में भी देखने को मिला। कक्षा 7वीं NCERT की नई सामाजिक विज्ञान की किताब में अब महमूद गजनवी और उसके भारत पर किए गए आक्रमणों के बारे में पहले से कहीं जयादा विस्तार से बताया गया है। पहले किताब में सिर्फ एक पैराग्राफ का चैप्टर होता था लेकिन अब 6 पन्नों को एक पूरा सेशन की कर दिया गया है।
NCERT की किताब में बदलाव पर बोले सांसद मनोज कुमार झा
इस बड़े बदलाव के बाद राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही हैं। आरजेडी के सांसद मनोज कुमार झा ने कहा कि हमने गजनवी के बारे में पढ़ा है, और किसी भी किताब में उसकी कभी बड़ाई नहीं की गई है। हर चीज को सिर्फ हेडलाइन वाले नजरिए से देखना सही नहीं है। इतिहासकारों ने उसे एक खास कॉन्टेक्स्ट में बताया है।
उन्होंने कहा कि नए पढ़े लिखों, बुद्धिजीवियों की एक नई फौज आ गई है। जिनका इतिहास का ज्ञान 2014 से शुरू होता है। उनके हिसाब से तो ये पूरी व्यवस्था, यूनिवर्स 2014 से ही शुरू हुआ है।
NCERT की कक्षा 7वीं की किताब में इन बातों का जिक्र
बता दें कि NCERT की कक्षा 7वीं की किताब में गजनवी वंश के बारे में जो जानकारी बढ़ाई गई है। गजनवी ने भारत के कई शहरों पर आक्रमण किया, बहुत सारे लोगों को मार डाला और उनके खजानों से लूटपाट की और इसमें हिंदू, बौद्ध, जैन और यहां तक कि इस्लाम को मानने वाले अलग-अलग समूह के लोगों को भी मारने का जिक्र है।
मथुरा और सोमनाथ में हुई लूट का वर्णन
बता दें कि किताब में यह साफ तौर से दर्शाया गया है कि गजनवी ना केवल क्रूर और निर्दयी था बल्कि धार्मिक उद्देश्य से भी प्रेरित था। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सिलेबस में गजनवी के 17 आक्रमणों को विस्तृत रूप से दर्शाया गया है। वहीं शुक्रवार को प्रकाशित एक्सप्लोरिंग सोसाइटीज, इंडिया एंड बियॉन्ड” नामक नई पुस्तक में मथुरा और सोमनाथ जैसे शहरों की लूट का विस्तार से वर्णन किया गया है।





