पटना के पारस अस्पताल में सजायाफ्ता अपराधी चंदन मिश्रा की सनसनीखेज हत्या मामले में अब पुलिस के हाथ अहम सुराग लगे हैं। इस हत्याकांड के मुख्य आरोपी तौसीफ उर्फ बादशाह ने पुलिस की पूछताछ में न केवल अपना जुर्म कबूला, बल्कि पूरे षड्यंत्र और शामिल अन्य अपराधियों के नाम भी उजागर किये। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में कुल नौ अपराधियों की संलिप्तता सामने आ गई है, जिनमें से कई अब भी फरार हैं।
शेरू ने जेल से दी थी सुपारी
तौसीफ ने पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि यह हत्या पश्चिम बंगाल की पुरुलिया जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर शेरू सिंह के इशारे पर की गई। तौसीफ के अनुसार, चंदन मिश्रा की हत्या के लिए हर शूटर को 5 लाख रुपये की सुपारी देने की बात तय हुई थी। पूरी साजिश की योजना पटना में निशू के घर पर बनाई गई थी। घटना के बाद तौसीफ ने शेरू के खास गुर्गे बलवंत को सूचना दी, जो आगे शेरू तक पहुंची। इससे पुलिस को इस बात की पुष्टि हुई कि यह हत्या पूर्व नियोजित गैंगवार का हिस्सा थी।
जानकारी का उठाया फायदा
पूछताछ में तौसीफ ने बताया कि वह अपने मौसेरे भाई निशू के इलाज के सिलसिले में पहले से ही पारस अस्पताल में कई बार गया था। इस दौरान उसे अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था, कर्मचारियों की आवाजाही और इंटर्नल मूवमेंट की पूरी जानकारी मिल गई थी। इसी जानकारी का इस्तेमाल कर तौसीफ ने बड़ी चालाकी से बिना किसी शक के अस्पताल में प्रवेश किया और वारदात को अंजाम दिया। पुलिस को यह भी पता चला है कि घटना से पहले कई बार अस्पताल का निरीक्षण कर पूरी योजना को अंजाम देने की रूपरेखा तैयार की गई थी।
बलवंत और तौसीफ होंगे आमने-सामने
एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने इस हत्याकांड को गैंगवार से जुड़ा मामला बताया है। उनका कहना है कि जांच तेजी से आगे बढ़ रही है और तौसीफ की निशानदेही पर कई स्थानों पर छापेमारी भी की जा चुकी है। अब पुलिस की योजना बलवंत को भी रिमांड पर लेकर तौसीफ के सामने बैठाकर पूछताछ करने की है। इस आमने-सामने की पूछताछ से उम्मीद है कि न केवल सुपारी देने-लेने की कड़ी मजबूत होगी, बल्कि गैंगस्टर शेरू सिंह के पूरे नेटवर्क का भी पर्दाफाश हो सकेगा।
शूटरों की बाइक बरामद
इस केस में गिरफ्तार किए गए एक अन्य आरोपी अभिषेक की निशानदेही पर मंगलवार शाम को वह बाइक बरामद कर ली गई जिससे तौसीफ और उसके साथी वारदात के दिन अस्पताल पहुंचे थे। बाइक को दानापुर के हाथीखाना मोड़ के पास एक सुनसान जगह पर छिपाकर रखा गया था। STF और स्थानीय पुलिस की टीम ने बाइक बरामद करने के बाद अभिषेक से लंबी पूछताछ की है। फरार आरोपियों की तलाश में पुलिस की टीमें बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में लगातार छापेमारी कर रही हैं। पुलिस को भरोसा है कि जल्द ही पूरे गैंग को गिरफ्तार कर इस जघन्य अपराध का पूरा नेटवर्क उजागर कर लिया जाएगा।
यह केस अब न सिर्फ पटना बल्कि पूरे बिहार के लिए एक हाई-प्रोफाइल गैंगवार केस बन चुका है, जिसमें जेल से सुपारी, अस्पताल के भीतर घुसकर हत्या और संगठित अपराध का पूरा जाल सामने आ रहा है। पुलिस का कहना है कि आगे जांच के दौरान और बड़े खुलासे हो सकते हैं।





