बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। बुधवार (03 सितंबर 2025) को जहां दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार बीजेपी कोर ग्रुप के साथ रणनीतिक बैठक की, वहीं पटना में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव भी एक्टिव नज़र आए। तेजस्वी ने अपने सरकारी आवास पर पार्टी विधायकों, विधान पार्षदों, जिलाध्यक्षों और पदाधिकारियों के साथ करीब ढाई घंटे तक चुनावी रणनीति को लेकर चर्चा की। बैठक में बड़ी संख्या में पार्टी के नेता शामिल हुए और आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारी तेज करने के निर्देश दिए गए।
चुनावी तैयारियों पर हुई गहन चर्चा
सूत्रों के अनुसार बैठक में चुनावी तैयारियों पर विस्तार से चर्चा हुई। तेजस्वी यादव ने सभी नेताओं को निर्देश दिया कि वे अब पूरी तरह चुनावी मोड में आ जाएं। आरजेडी जल्द ही जिलों में बड़े कार्यक्रम शुरू करेगी ताकि जनता तक पार्टी का संदेश पहुंचाया जा सके। साथ ही वोटर लिस्ट से जुड़े मुद्दों पर भी फोकस करने का फैसला लिया गया। नेताओं को निर्देश दिया गया कि जिनका नाम लिस्ट से कट गया है, उनका नाम जुड़वाएं और फर्जी नामों को हटाने की प्रक्रिया पर ध्यान दें।
सीटिंग विधायकों से लिया गया फीडबैक
बैठक में तेजस्वी यादव ने सीटिंग विधायकों से उनके क्षेत्रों की स्थिति और जनता का फीडबैक भी जाना। उन्होंने कहा कि पार्टी की घोषणाओं और अब तक किए गए कार्यों को गांव-गांव और घर-घर तक पहुंचाना है। नीतीश सरकार की वादाखिलाफी को जनता के बीच मुद्दा बनाने पर भी जोर दिया गया। इसके अलावा बूथ सशक्तीकरण पर चर्चा करते हुए तय किया गया कि प्रत्येक कार्यकर्ता अपने बूथ पर मजबूती से काम करे ताकि पार्टी का वोट बैंक और अधिक सशक्त हो। वोटर अधिकार यात्रा को लेकर जनता की प्रतिक्रिया पर भी विस्तार से विचार किया गया।
चुनावी माहौल गरमाने लगा बिहार
बिहार में इसी साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। ऐसे में सभी राजनीतिक दल पूरी ताकत झोंकने में जुट गए हैं। वोटर अधिकार यात्रा के समापन के बाद आरजेडी अब अपनी आंतरिक तैयारियों को धार दे रही है। तेजस्वी यादव की यह बैठक इसी रणनीति का हिस्सा मानी जा रही है। उधर, बीजेपी भी अमित शाह की मौजूदगी में चुनावी समीकरण साधने में लगी है। साफ है कि आने वाले दिनों में बिहार की सियासत और गरमाएगी और हर दल जनता को साधने के लिए नए कार्यक्रम और वादों के साथ मैदान में उतरेगा।





