बिहार विधानसभा अध्यक्ष के रूप में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के गया सीट से लगातार 9 बार के विधायक डॉ. प्रेम कुमार निर्विरोध चुने गए हैं। उन्होंने सोमवार को अपना नामांकन भरा था और आज विपक्षी दलों के विधायकों ने भी अपना समर्थन दे दिया है। मंगलवार को उन्होंने स्पीकर पद की शपथ ली। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने उन्हें स्पीकर की कुर्सी पर बैठाया और शुभकामनाएं दीं।
नीतीश तेजस्वी ने दी शुभकामनाएं
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूरे सदन की ओर नवनिर्वाचित अध्यक्ष प्रेम कुमार को शुभकामनाएं दी हैं। इसी के साथ सीएम ने अध्यक्ष के निर्विरोध निर्वाचन में सहयोग देने के लिए सभी दलों के नेताओं का धन्यवाद किया। इसके साथ ही सभी विधायकों को भी बधाई दी। उन्होंने सभी दलों के विधायकों से आग्रह किया है कि सदन में विस अध्यक्ष का पूरा सहयोग करें।
वहीं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी नए विधानसभा अध्यक्ष को बधाई दी। उन्होंने कहा कि सर्वसहमति से आपको चुना गया और मुझे पूरा विश्वास है कि आप जिस धरती से आते हैं वो ज्ञान, मोक्ष, भगवान विष्णु और बुद्ध की धरती है। हम सभी उसको नमन करते हैं। हमें आपसे उम्मीद रहेगी कि आप सत्ता पक्ष के साथ साथ विपक्ष को भी साथ लेकर चलेंगे। नियमावली के अनुसार आप अपनी जिम्मेदारियों को निभाएं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हम सभी सदस्यों की जिम्मेदारी भी है कि जब आपको हमारी जरूरत पड़े तो हम पीछे न हटे और हम आपका पूरा सहयोग करें।
कौन हैं नए विधानसभा अध्यक्ष डॉ. प्रेम कुमार?
डॉ. प्रेम कुमार, बिहार की राजनीति का पुराना चेहरा और बीजेपी के दिग्गज नेता है। इनका जन्म 5 अगस्त 1955 को हुआ था। जब 1974 में जेपी आंदोलन हुआ तब दिवंगत सुशील कुमार मोदी, नंदकिशोर यादव, अश्विनी चौबे के साथ इन्हें भी नई पहचान मिली। 1990 में इन्होंंने पहली बार गया टाउन से विधायक का चुनाव लड़ा और जीत मिली। तब से लेकर अब तक वे इसी सीट से चुनाव जीतते आ रहे हैं।
वे छात्र जीवन से ही राजनीति से जुड़े रहे। उन्होंने भाजपा की छात्र विंग अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में भी काम किया। बिहार सरकार में पहली बार 2005 को उनको मंत्री बनाया गया है। तब से लेकर उन्होंने अब तक नगर विकास, कृषि और पर्यावरण एवं वन मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली है। इतना ही नहीं जब नीतीश कुमार ने NDA से किनारा कर महागठबंधन के साथ सरकार बनाई थी तब 2015 से 2017 तक विपक्ष के नेता के तौर पर भी जिम्मेदारी संभाली थी। उनको सभी दल के नेता पसंद करते हैं उसका सिर्फ एक ही कारण है उनका साधारण व्यवहार।
प्रेम कुमार एक ऐसे नेता हैं जो सत्ता पक्ष के साथ विपक्ष के नेताओं पर भी अपने व्यवहार की छाप छोड़ते हैं। उनकी साधारण वेषभूषा और बोलने का तरीका हर नेता को भा जाता है। वे नेताओं में सामंजस्य स्थापित करने में भी उनकी महारथ है। बिहार में जब भी बीजेपी नेताओं में अनबन और किसी प्रकार की दिक्कत आती है तब प्रेम कुमार अपनी चतुरता से पार्टी नेताओं की अनबन को दूर करते हैं।
प्रेम कुमार की संपत्ति और अपराधिक मामले
प्रेम कुमार अति पिछड़ी जाति कहार जाती से आते हैं। 70 साल के प्रेम कुमार एलएलबी और पीएचडी कर चुके हैं। उनकी संपत्ति की बात की जाए, तो उनकी पास 13 करोड़ से अधिक की संपत्ति है। इसके अलावा उनके ऊपर 18 आपराधिक मुकदमे भी दर्ज हैं।
बिहार सरकार में बीजेपी का दबदबा
बिहार की एनडीए सरकार में बीजेपी का दबदबा बढ़ गया है। जेडीयू से जहां नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री की कमान संभाली है तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी की ओर से अब विधानसभा अध्यक्ष के पद पर प्रेम कुमार को जिम्मेदारी दी गई है। इतना ही राज्य में बीजेपी से दो डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा भी है। इसके साथ नीतीश कुमार ने इस बार गृह मंत्रालय भी भाजपा की झोली में डाल दिया है। अब गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी सम्राट चौधरी के पास है।
बता दें कि इस बार राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 89 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बन गई है जबकि जेडीयू 85 सीटों के साथ जीतकर आई। इसी वजह से गठबंधन में बीजेपी की भूमिका पहले से कहीं अधिक प्रभावशाली हो गई है और विधानसभा अध्यक्ष पद मिलने से यह स्थिति और मजबूत हो गई है।





