खुशखबरी! मां वैष्णों देवी दरबार में अब हर दिन 7 हजार नहीं बल्कि 15 हजार श्रद्धालुओं के गूंजेंगे जयकारे

जम्मू, डेस्क रिपोर्ट। कोरोना काल ने देश की रफ्तार पर गेहरा असर डाला था। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण भगवान के द्वार तक बंद हो गए थे। वहीं धीरे-धीरे अब मंदिरों के पट खुलते जा रहे है। देश के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल वैष्णों देवी के धाम से एक खुशखबरी आ रही है। अब मां वैष्णों देवी के दरबार में हर रोज 7 हजार भक्तों के नहीं बल्कि 15 हजार श्रद्धालुओं के जयकारे गूंजेंगे। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने माता के भक्तों को सौगात देते हुए प्रतिदिन दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा कर दिया है।

बताया जा रहा है कि अभी तक हर दिन अधिकतम 7 हजार श्रद्धालु मां वैष्णों देवी के दर्शन करते थे, जिसको बढ़ाकर जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने 15 हजार कर दी है। वहीं प्रशासन ने कोरोना के नियम के हिसाब से 14 दिन होम क्वॉरेंटाइन की शर्त को भी हटा दिया है। बता दें कि हाल ही में गए नवरात्रि त्योहार में माता रानी के 39 हजार लोगों ने दर्शन किए थे।


About Author
Gaurav Sharma

Gaurav Sharma

पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।