इंदौर।
मध्यप्रदेश सरकार के लगातार दावों के बीच छोटे और मध्यम उद्योगपति शिवराज सरकार से नाराज नजर आ रहे हैं। दो माह से फैक्ट्रियां बंद हैं, कोई काम नहीं हो रहा है। इसके बावजूद लाखों रुपए के बिजली के बिल आने से छोटे एवं माध्यम उद्योगपति के अंदर रोष व्याप्त है। जिसकी वजह से इन उद्योगपतियों ने 21 मई को ऑनलाइन धरना देने का निर्णय लिया है। बता दें कि एआईएमपी के बैनर तले इस धरने का आयोजन किया जा रहा है।
दरअसल उद्योगपति लाखों रुपए के बिजली के बिल आने से परेशान हैं। उनका कहना है कि करीब दो माह से फैक्ट्रियां बंद हैं, कोई काम नहीं हो रहा है। इसके बावजूद लाखों रुपए के बिजली के बिल जारी कर दिए गए हैं। उद्यमियों का कहना है कि काम बंद होने से उद्यमियों की माली हालत पहले ही खराब है। इसके बावजूद उन्होंने मजदूरों और कर्मचारियों को वेतन दिया है। बावजूद इसके अब राज्य सरकार द्वारा लाखों के बिजली बिल का भुगतान करना हमारे लिए संभव ही है। वहीँ एआईएमपी ने कहा कि 5 हजार उद्योगपतियों ने बिजली बिल सहित अन्य मुद्दाें पर 21 मई को ऑनलाइन धरना देने का निर्णय लिया है। 1.30 घंटे के इस ऑनलाइन धरने में उद्योगपति हाथों में मांग लिखी तख्तियां लेकर शामिल होंगे।
बता दें कि आये दिन प्रदेश में बिजली बिल के दोगुने दामों में आ रहे बिल से प्रदेशवासी परेशान हैं। जिसको लेकर आये दिन लोगों का गुस्सा सरकार से है। इस बीच अब छोटे उद्योगपति भी इस में शामिल हो गए हैं। वहीँ इससे पहले अनिवार्य सेवा, फूड प्रोसेसिंग और एग्रीकल्चर सेक्टर से जुड़ी हैं। इन्हें कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए, श्रमिकों को आवासीय व्यवस्था करने जैसी शर्तों के साथ मंजूरी दी है। ये मंजूरी एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्री मप्र (एआईएमपी) से आए आवेदनों की जांच के बाद जारी हुई।