बालाघाट : युवक का खेत में मिला शव, इलाके में फैली सनसनी, जांच में जुटी पुलिस

बालाघाट, सुनील कोरे। बालाघाट के कोतवाली थाना अंतर्गत बड़ी कुम्हारी में 36 वर्षीय युवक की हत्या से सनसनी मच गई। युवक राजेन्द्र उर्फ मुन्ना पिता दौनीलाल दमाहे का शव खेत से बरामद किया गया। जिसकी गला दबाकर हत्या किये जाने और साक्ष्य छिपाने की मंशा से शव को खेत में लाकर फेंके जाने की बात कही जा रही है।

हालांकि घटना की सूचना मिलने के बाद देर से पहुंची कोतवाली पुलिस ने शव बरामद कर पंचनामा कार्रवाई के बाद शव का पीएम करवाकर परिजनों को सौंप दिया है। पुलिस को राजेन्द्र के शव को घसीटे जाने से उसकी पीठ पर खरोंचो के निशान मिले है। बहरहाल पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। पुलिस सूत्रों की मानें तो इस मामले में पुलिस ने संदेही को भी पूछताछ के लिए पकड़ा है, हालांकि पुलिस ने इससे इंकार किया है, उनका कहना है कि मामले की जांच की जा रही है।

रात 8 बजे घर से निकला था राजेन्द्र, आज मिला शव

गत 24 नवंबर को राजेन्द्र उर्फ मुन्ना घर से रात लगभग 8 बजे निकला था। जिसके बाद 25 नवंबर को उसका शव खेत में मिला। जिसके पीठ और शरीर पर घसीटे जाने के निशान मिले है। जिससे आशंका जताई जा रही है कि राजेन्द्र उर्फ मुन्ना की हत्या कर हत्यारे ने साक्ष्य मिटाने की मंशा से उसका शव घसीटकर खेत में लाकर फेंका है। शव के कुछ दूरी पर ही शराब का खाली क्वार्टर, डिस्पोजल गिलास और पानी का पाउच भी मिला है। जिससे यह भी संभावना जताई जा रही है कि शराब के नशे में किसी बात को लेकर राजेन्द्र की हत्या कर दी गई।

हालांकि यह पुलिस विवेचना और पीएम रिपोर्ट के बाद ही साफ हो पायेगा कि आखिर राजेन्द्र की हत्या क्यों की? पुलिस राजेन्द्र की हत्या के कारणों और उसके हत्यारे का पता लगाने में जुट गई है। परिजनों की मानें तो रात लगभग 8 बजे घर से निकलने के बाद राजेन्द्र उर्फ मुन्ना का कोई पता नहीं चला, रात लगभग 11 बजे जब उसके फोन पर कॉल किया तो उसका फोन रिसिव नहीं हो सका। आज सुबह खेत की ओर गये किसी व्यक्ति द्वारा राजेन्द्र का शव दिखाई देने पर उसके द्वारा परिजनों को इसकी सूचना दी गई।

देरी से पहुंची डायल 100 और पुलिस

बताया जाता है कि सुबह लगभग 9 से 9.30 बजे के बीच राजेन्द्र उर्फ मुन्ना का खेत में शव दिखाई दिया। जिसके बाद इसकी सूचना डायल 100 को दी गई। तत्काल पहुंचने वाली डायल 100 के अलावा कोतवाली थाने से पुलिस को घटनास्थल पहुंचने भी घंटो लग गये। जिससे परिजनों और ग्रामीणों में नाराजगी भी देखी गई। हालांकि घटनास्थल पहुंची कोतवाली थाना प्रभारी मंशाराम रोमड़े के साथ ही हमराह स्टॉफ और एफएसएल टीम के अलावा डॉग स्कॉट की मदद से घटनास्थल का बारीकि से निरीक्षण किया गया। घटनास्थल की जांच के लिए पहुंचे पुलिस डॉग के सूंघने के बाद मृतक के घर की ओर जाने से कई तरह के सवाल खड़े हो रहे है।

हत्यारे नजदीकि या कोई बाहरी

बड़ी कुम्हारी निवासी राजेन्द्र उर्फ मुन्ना परिवार में सबसे बड़ा लड़का है, जो खेती किसानी का काम करता था। जिसकी बीती रात किसी अज्ञात हत्यारे ने गला दबाकर हत्या कर दी और हत्या के साक्ष्य छिपाने की मंशा से हत्या किये गये स्थल से शव को दूर खेत में ले जाकर फंेक दिया। इस दौरान मृतक राजेन्द्र उर्फ मुन्ना के शव को घसीटकर ले जाने के निशान भी पुलिस को मिले है। वहीं घसीटे जाने से मृतक राजेन्द्र उर्फ मुन्ना के शरीर पर खरोंचे के निशान भी है। जिसके बाद मामले को गंभीरता से लेकर कोतवाली पुलिस जांच में जुट गई है।

इनका कहना है

पूरे मामले को लेकर ,सीएसपी कर्णिक श्रीवास्तव ने बताया कि मृतक राजेन्द्र उर्फ मुन्ना की गला दबाकर हत्या की गई है, जिसके शव को घसीटकर लाकर खेत में फेंका गया है। घसीटे जाने से मृतक के पीठ पर खरोंचो के निशान मिले है। अभी यह कहना जल्दबाजी होगा कि हत्यारा कौन है, मामला की जांच की जा रही है और जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जायेगा।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।