अजब-गजब : किसान ने बेटे को छोड़ कुत्ते को बनाया अपनी आधी जायदाद का वारिस

Gaurav Sharma
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छिंदवाड़ा ,डेस्क रिपोर्ट। कुत्तों (Dogs) को इंसान से ज्यादा वफादार माना जाता है। कहा जाता है कि एक बार इंसान धोखा दे सकता है लेकिन कुत्ते कभी धोखा नहीं देते हैं। अक्सर कुत्तों की इमानदारी (Dogs Honesty) की मिसाल पेश की जाती है। अक्षय कुमार की एक मूवी आई थी जिसमें कुत्ते की वफादारी से खुश होकर एक आदमी अपनी आधी वसीयत कुत्ते के नाम कर देता है, ऐसा ही कुछ रील लाइफ से रियल लाइफ में देखने को मिला है, जहां एक आदमी ने अपनी आधी प्रॉपर्टी कुत्ते की वफादारी से खुश उसके नाम कर दी है। साथ ही इसके लिए सभी दस्तावेज भी तैयार कर लिए गए है।

यह पूरा वाक्य मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा (Chhindwara) जिले का है, जहां चौरई ब्लॉक के बाड़ी बड़ा गांव के रहने वाले किसान ओम नारायण जो कि 50 साल के हैं वो कुत्ते को अपनी औलाद की तरह मानते हैं अरे यही कारण है कि उन्होंने अपनी 50 प्रतिशत जायदाद कुत्ते के नाम (Property in Dog Names) कर दी है।

किसान ओम प्रकाश नारायण (Farmer Omprakash Narayan) ने जहां अपनी आधी जायदाद का मालिक कुत्ते को बनाया है वही बाकी की बची प्रॉपर्टी अपनी दूसरी पत्नी चंपा वर्मा के नाम की है। बता दें कि किसान के पास कुल 18 एकड़ जमीन है। दरअसल किसान अपने बेटे के व्यवहार से गुस्सा है, जिस वजह से उसने अपनी आधी जायदाद का हिस्सेदार अपने पालतू कुत्ते जैकी को बना दिया है। बकायदा पूरी कानूनी लिखा पढ़ी करके कुत्ते को वारिस घोषित किया गया है। बता दें कि कुत्ते का नाम जैकी है।

अजब-गजब : किसान ने बेटे को छोड़ कुत्ते को बनाया अपनी आधी जायदाद का वारिस

अपनी वसीयत में किसान ओम नाराण वर्मा लिखते हैं कि मेरी पत्नी और मेरा पालतू कुत्ता जैकी ही मेरी सबसे ज्यादा सेवा करते हैं। यही कारण है कि मेरे जीते जी यह मेरे लिए सबसे ज्यादा प्रिय है। मेरे मृत्यु उपरांत मेरी पूरी संपत्ति और जमीन के हकदार मेरी दूसरी पत्नी चंपा वर्मा और पालतू कुत्ता जैकी होंगे। वही कुत्ते की जो सेवा करेगा उसे जायदाद का अगला वारिस माना जाएगा।

किसान ओम नारायण वर्मा ने कुत्ते को अपनी आधी जायदाद देने के पीछे का कारण बताया  है कि मैं अपने कुत्ते से बहुत प्यार करते हूं। वह कहते है कि 11 महीने का जैकी हमेशा उनके साथ रहता है और उनकी देखभाल करता है। किसान कहते हैं कि उन्हें डर है कि जब इस दुनिया में वो नहीं रहेंगे तो उनके पालतू कुत्ते जैकी का कौन ध्यान रखेगा और उसका क्या होगा। इसलिए उन्होंने जैकी को अपनी जायदाद में हिस्सा दिया है और जो भी कुत्ते की देखरेख करेगा उसका जैकी की जायदाद पर हक होगा। बता दें कि बाड़ी बड़ा के रहने वाले किसानों ओम नारायण वर्मा की दो पत्नियां हैं। पहली पत्नी धनवंती वर्मा से उन्हें तीन बेटियां हैं एक बेटा है, वहीं दूसरी पत्नी चंपा वर्मा से उनकी दो बेटियां हैं।

 


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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