जबलपुर।संदीप कुमार
जिला कोर्ट जो कि साइलेंट जॉन है वहाँ पर आज जमकर नारेबाजी हुई इस दौरान पूरे समय पुलिस वहाँ खड़ी मूकदर्शक बनी रही जबकि जिला न्यायालय के अंदर कोर्ट चल रही थी।प्रदर्शन करने वाले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता थे जो कि फीस बृद्धि को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी से मिलने पहुँचे थे।
ज्ञापन लेकर जाने लगे डीईओ तो फिर लगे नारे
जबलपुर के निजी स्कूलों में लॉक डाउन के बाद भी ट्यूशन फीस ली जा रही थी जिसको लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता जिला शिक्षा अधिकारी से मिलने पहुंचे और उनके सामने अपनी बात रखी साथ ही स्कूल के द्वारा फीस ना लिए जाने का ज्ञापन उन्हें सौंपा ज्ञापन लेने के बाद जब जिला शिक्षा अधिकारी सुनील नेमा अपने चेंबर में जाने लगे तो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने फिर से नारेबाजी की हालांकि पुलिस बाद में जरूर कोर्ट का हवाला कार्यकर्ताओं को देती रही पर छात्र थे कि सुनने को ही तैयार।
थाना प्रभारी भी आए छात्रों के बचाव में
जिला कोर्ट में हो रही नारेबाजी के सवाल पर थाना प्रभारी ओमती ने यह तर्क दिया कि जिस जगह छात्र प्रदर्शन कर रहे थे वहां से कोर्ट दूर है लिहाजा यह साइलेंट जोन का उल्लंघन नहीं माना जा सकता। वहीं छात्रों के इस पूरे प्रदर्शन के दौरान ना ही सोशल डिस्टेंस का पालन किया गया और ना ही छात्रों ने मास्क लगाकर रखे थे।
आज हाई कोर्ट ने ट्यूशन फीस पर लगाई रोक
फीस बृद्धि को लेकर आज मध्यप्रदेश हाई कोर्ट में एक सुनवाई भी हुई है जिसमे की आगामी 13 जुलाई तक के लिए ट्यूशन फीस लेने में रोक लगा दी अगली सुनवाई 13 जुलाई को होगी।हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने आज की सुनवाई में ये भी निर्देश दिए है कि स्कूल फीस से जुड़े तमाम मामले की सुनवाई अब जबलपुर हाई कोर्ट में ही होगी।