बैतूल।वाजिद खान
मध्य प्रदेश के बैतूल में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश महेंद्र कुमार त्रिपाठी एवं उनके युवा पुत्र अभियनराज उर्फ मोनू त्रिपाठी की मौत हो गयी है। मौत के पीछे फ़ूड पॉयजनिंग का संदेह जताया जा रहा है । पिता पुत्र को फूड पाइजनिंग के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। एक मजिस्ट्रेट और उनके पुत्र की मौत से हड़कम्प मच गया है। दोनों की मौत संदिग्ध मानी जा रही है और मामले की जांच के बाद स्पष्ट होगा कि आटा जहरीला था या इसके पीछे किसी का हाथ था।
बताया जा रहा है कि एडीजे महेंद्र त्रिपाठी की आज सुबह इलाज के दौरान एलिक्सिस अस्पताल नागपुर में मृत्यु हो गयी। जबकि पुत्र ने अस्पताल पहुचने से पहले ही दम तोड़ दिया। इस घटना से अदालत,पुलिस,प्रशासन और अधिवक्ताओं में सन्नाटा खींच गया है। घटना से लोग स्तब्ध और शोकाकुल है।
बताया जा रहा है कि फ़ूड पाइजनिंग के बाद पिता पुत्र को 23 जुलाई को पाढर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां हालत बिगड़ने पर शनिवार को उन्हें नागपुर रैफर किया गया था। गंभीर हालत में रैफर किये गए दोनो पिता पुत्र में बेटे की हालत अधिक गंभीर होने के चलते बेटे की रास्ते मे ही मौत हो गयी। इस मामले में पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है। परिवार ने 20 जुलाई को रात में जो भोजन किया था।उसके बाद उनकी हालत बिगड़ी । पुलिस को प्रथम दृष्टया संदेह है कि मजिस्ट्रेट परिवार ने जो चपातियां खाई थी। उससे फूड पाइजनिंग हुई। इसमे मजिस्ट्रेट और उनके दो पुत्रों ने चपाती खाई थी।जबकि पत्नी ने चपाती नही खाई थी।उन्होंने चावल खाया था। जिसके कारण वे पाइजनिंग का शिकार नही हुई। पुलिस इस मामले में घर मे रखे आटे की सैम्पलिंग करेगी वही बिसरा भी जांच के लिए भेजा जाएगा। दोनो पिता पुत्र का शव परीक्षण नागपुर में ही किया जा रहा है। जिनके नाखून और बाल संरक्षित कर रखे जाने हेतू कहा गया है।
एसडीओपी विजय पुंज ने बताया कि परिवार से जानकारी मिली है कि जज के न्यायालय में या सर्किट हाउस के पास किसी परिचित ने उन्हें आटा दिया था।जिसे घर जाकर रोटियां बनाई गई थी।जिसे दोनों बेटों और जज ने खाया था। जिसके बाद जज और एक बेटे की हालत ज्यादा बिगड़ गयी। छोटा बेटा इलाज के बाद ठीक हो गया। इधर कोतवाली और गंज टीआई जज के निवास पर जांच के लिए पहुचे है। बंगले के भृत्य के मुताबिक मैडम और दोनो बेटे इंदौर से आये थे। खाना मैडम ने ही बनाया था। पुलिस ने जिस आटे से रोटी बनी थी उसे जब्त कर सेम्पल के लिए भेजा जा रहा है। इधर बताया जा रहा है कि पिता पुत्र के शवों को बैतूल न लाकर उनके गृह ग्राम ले जाया जाएगा। एडीजे त्रिपाठी मूलत शहडोल जिले के धनपुरी क्षेत्र के निवासी थे, इससे पहले वह अनूपपुर जिले के विवेक नगर क्षेत्र में भी रह चुके।
विजय पुंज ( एसडीओपी बैतूल )( विजय पुंज का कहना है कि जिला न्यायालय में एडीजे के पद पर महेंद्र त्रिपाठी पदस्थ थे परिवार से पता चला है कि 20 जुलाई को इनको किसी परिचित व्यक्ति ने आटा दिया था इनकी पत्नी ने उस आटे से रोटी बनाई थी क्योंकि आटा कम था तो पति और दोनों बेटों को रोटी खिलाई थी रोटी खाने के बाद तीनों की हालत गंभीर हो गई जिनका पहले बैतूल में इलाज कराया गया उसके बाद उन्हें पाढर अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां हालत में सुधार नहीं होने पर उन्हें नागपुर रेफर किया गया छोटे बेटे की हालत सुधर गई बड़े बेटे और एडीजे महेंद्र त्रिपाठी की मौत हो गई पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है)