खंडवा,डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में कुछ ऐसे ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्र हैं जहां पर नेटवर्क की समस्या काफी है। मोबाइल नेटवर्क अच्छे नहीं मिलने के चलते हैं आदिवासी क्षेत्र के लोगों को सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ लेने में काफी दिक्कत होती है। लेकिन हम आपको एक ऐसी वाक्या बताने जा रहे हैं जहां पर सरकार द्वारा चलाई जा रही योजना का फायदा ग्रामीणों तक पहुंचाने के लिए पहाड़ पर एक कॉमन सर्विस सेंटर खोल गया है। पहाड़ पर सेंटर सिर्फ इसलिए खोला गया है क्योंकि जनजाति और वनग्राम क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्क अच्छा नहीं मिलता है, जिससे परेशान होकर लोगों ने पहाड़ पर ही अपना दफ्तर खोल लिया।
यह पूरा मामला मध्य प्रदेश के खंडवा आदिवासी क्षेत्र का है, जहां पर ग्रामीणों का आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए प्रशासिनक कर्मचारियों ने पहाड़ी पर अपना दफ्तर खोल लिया। ग्रामीणों द्वारा ग्राम पंचायत से पहाड़ी तक आधा किलो मीटर केबल बिछाकर अपना कैंप लगा लिया गया । अच्छे नेटवर्क कनेक्टिविटी मिलने के चलते ग्रामीणों की समस्या हल हो गई और बायोमेट्रिक आसानी से दर्ज होने लगे, जिसके चलते आदिवासी ग्रामीण के आयुष्मान कार्ड आसानी से बनने लगे।
बता दें कि देश और प्रदेश के समस्त पिछड़े हितग्राही और गरीब लोगों को आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए केंद्र सरकार लगातार प्रेरित कर रही है और प्रशासन द्वारा भी इस कार्ड को बनाने के काम को प्राथमिकता दी जा रही है। यही कारण है जो पहाड़ी पर दफ्तर खोला गया है।
वहीं इस पूरे मामले को लेकर कलेक्टर अनय द्विवेदी कहते हैं कि जिले से सवा सौ किलोमीटर दूर मेहलू और धासा गांव काली घोड़ी के जंगल में है, जिसकी वजह से वहां नेटवर्क की काफी समस्या होती है। वही आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए लोगों का बायोमेट्रिक डाटा दर्ज होना जरूरी होता है लेकिन नेटवर्क नहीं मिलने के चलते ऐसा नहीं हो पाता है। कलेक्टर बताते हैं कि कॉमन सर्विस सेंटर के कर्मियों के लिए बिना नेटवर्क के बायोमैट्रिक डाटा दर्ज करना चुनौतियों से कम नही था, जिसके चलते उन्होंने यह तरीका निकाला जिसमें उन्होंने 500 फीट ऊंची पहाड़ी पर नेटवर्क ढूंढा गया और वह निचले क्षेत्र से पहाड़ी तक केबल लाइन लेकर जाकर दफ्तर खोल लिया गया । इस पहाड़ी पर रात में ज्यादा अच्छा नेटवर्क मिलने के चलते लोगों के आयुष्मान कार्ड रात 12:00 बजे के बाद बनाए जाते हैं।
कलेक्टर आगे कहते हैं कि जिले के सिर्फ ये 2 गांव नहीं है जहां पर नेटवर्क की समस्या हो, बल्कि ज्यादातर गांव में नेटवर्क नहीं मिलते हैं। जिसके चलते प्रशासनिक कार्य होने में काफी दिक्कत आती है । लेकिन जिला प्रशासन और उनकी टीम ने आयुष्मान कार्ड बनाने को प्राथमिकता देते हुए यह समाधान निकाला। यही कारण है कि खंडवा जिला प्रदेश में आयुष्मान कार्ड बनाने को लेकर नंबर पांच पर है।
जिला प्रबंधक लोक सेवा गारंटी के शैलेंद्र सिंह यादव कहते हैं की गांव की जनसंख्या 930 हैं और अभी तक आधे से ज्यादा लोगों के आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं। बहुत जल्द हर परिवार और व्यक्ति के हाथों में अपना आयुष्मान कार्ड होगा। बता दें कि पहाड़ी पर बने दफ्तर में काम करने वाले कर्मचारियों के जज्बे की हर कोई तारीफ कर रहा है।