भोपाल, डेस्क रिपोर्ट| पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव (Gopal Bhargav) की नाराजगी अधिकारियों को भारी पड़ी| मंत्री भार्गव के सागर (Sagar) आगमन पर प्रोटोकॉल का पालन न करने के मामले में पीडब्ल्यूडी विभाग के प्रमुख सचिव ने सागर ईई हरिशंकर जायसवाल और अनुविभागीय अधिकारी जेएम तिवारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित (Suspend) कर दिया है| निलंबन अवधि में दोनों अधिकारियों को मुख्यालय भोपाल में अटैच किया गया है| कलेक्टर के प्रतिवेदन पर यह कार्रवाई की गई है|
दरअसल, 25 जनवरी सोमवार को गणतंतत्र दिवस (Republic day) के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए एक दिन पहले ही पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव (Minister Gopal Bhargava) गढ़ाकोटा से सागर पहुंचे थे। अपने सागर पहुंचने के कार्यक्रम के बारे में मंत्री गोपाल भार्गव (Minister Gopal Bhargava) के पीए(P.A) द्वारा अधिकारियों को सूचना दे दी गई थी। जब रात 10:00 बजे गोपाल भार्गव सागर सर्किट हाउस (Circuit House) पहुंचे तो वहां प्रोटोकॉल (Protocol) के हिसाब से मंत्री का स्वागत करने के लिए एक भी अधिकारी मौजूद नहीं था। लगभग 1 घंटे तक जब कोई भी अधिकारी गोपाल भार्गव से मिलने नहीं पहुंचा तो वह नाराज होकर अपने गृह नगर गढ़ाकोटा के लिए निकल गए।
कलेक्टर के प्रतिवेदन पर कार्रवाई
इस मामले में सागर कलेक्टर दीपक सिंह ने गणतंत्र दिवस के दिन ही दोनों अधिकारियों को नोटिस जारी किया था, जिसमे उन्होंने कहा था कि मंत्रीजी का कार्यक्रम पहले से निर्धारित था, प्रोटोकॉल के अनुसार विभाग के अधिकारियों को उनकी आगवानी के लिए उपस्थित होना था, लेकिन सर्किट हाउस में मंत्री के आगमन पर विभागीय अधिकारी उपस्थित नहीं थे, जो कि राज्य शासन के सत्कार नियम के विपरीत है| कलेक्टर द्वारा दोनों अधिकारियों को नोटिस जारी करने के बाद कार्यवाही के लिए प्रमुख सचिव को भी लिखा गया था| कलेक्टर के प्रतिवेदन पर प्रमुख सचिव ने तुरंत प्रभाव से दोनों अधिकारियों को निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए|
मंत्री नाराज, बोले – इस तरह का रवैया ठीक नहीं
इससे पहले जब अधिकारियों द्वारा उन्हें रिसीव नहीं करने को लेकर जब गोपाल भार्गव से पूछा गया तो उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि अधिकारी लगता है पुताई करा रहे होंगे, इसलिए वह नहीं आए। इतना ही नहीं मंत्री ने आगे कहा कि अधिकारी दिन भर काम करते रहते हैं, इसलिए रात को सो गए होंगे और वह प्रोटोकॉल का ध्यान नहीं रख पाए होंगे। गोपाल भार्गव आगे कहते हैं कि इस तरह का रवैया ठीक नहीं है, अगर अधिकारी प्रोटोकॉल का ध्यान नहीं रखते हैं तो इस बारे में सोचना पड़ेगा। उन्होंने कहा यह कोई पहली बार नहीं है जब मैं ध्वजारोहण करने के लिए किसी कार्यक्रम में शामिल हुआ हूं। मैं लगातार सरकार में मंत्री रहा हूं और ध्वजारोहण कार्यक्रम में शामिल होता हूं। लेकिन जब वह तय समय पर पहुंचते हैं तो अधिकारियों को भी इस बारे में समझना चाहिए कि उनकी समझदारी क्या है। पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव आगे कहते हैं कि मैं प्रदेश का सबसे सीनियर भाजपा लीडर हूं, लेकिन मैंने इस बात का कभी घमंड नहीं किया। मैं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रह चुका हूं। प्रदेश सरकार में लगातार मंत्री हूं। लेकिन पूरे जीवन में कभी भी इस बात का 1 मिनट के लिए भी घमंड नहीं किया। इसलिए अधिकारियों को भी अपनी समझदारी समझना चाहिए।