आनंदक कार्यक्रम: रिश्ते हमारे जीवन के सबसे अहम एवं भावनात्मक हिस्से होते हैं : दीप्ति उपाध्याय

anandak program

ग्वालियर, अतुल सक्सेना। मुरैना के तीन दिवसीय आनंदक परिचय कार्यक्रम(Anandak Program) के समापन दिवस के दौरान मास्टर ट्रेनर श्रीमती दीप्ति उपाध्याय ने “हमारे रिश्ते” सत्र में समाज व परिवार में रिश्तों की अहमियत पर आनन्दकों से विचार साझा करते हुये कहा कि जब कोई भी रिश्ता हमसे दूर होता है , तो हम उसके लिए बेचैन हो जाते हैं ।अगर हमारे सभी रिश्ते अच्छे और स्वस्थ रहते हैं तो हम स्वयं में एक सकारात्मक ऊर्जा के साथ प्रसन्नता का अनुभव करते हैं । रिश्ते हमारे जीवन के सबसेअहम एवं भावनात्मक हिस्सा होते हैं।

कार्यक्रम में शामिल धृति तोमर एवं सुजाता तोमर ने रिश्तों पर अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि कैसे वह अल्पविराम के जरिये अपने बिगड़े रिश्तों को मधुर बनाने में सफल रहीं । आनंदक मणीन्द्र कौशिक , श्याम सिंह सिकरवार और बिन्दु सोलंकी द्वारा रिश्तों के जुड़ने और टूटने के कारणों पर अपने विचार व्यक्त किये । दीपक भोला ने भी रिश्तों पर कहा कि “करीब रहो इतना कि रिश्तों में प्यार रहे, दूर भी रहो इतना कि आने का इंतजार रहे, रखो उम्मीद इतनी रिश्तो के दरमियां कि टूट जाए उम्मीद, मगर रिश्ते बरकरार रहें ।


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Kashish Trivedi

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