भोपाल।
मध्य प्रदेश के सियासी गलियों में जहां एक तरफ उप चुनाव का बिगुल बज चुका है। वहीं दूसरी तरफ शिवराज सरकार अंदरूनी मसले पर भी हर तरफ से कांग्रेस पर राजनीतिक वार कर रही है। इसी के साथ मध्यप्रदेश विधानसभा के सचिव पद से रिटायर जज शिशिर चौबे को एक बार फिर से संविदा नियुक्ति दी गई है। दरअसल प्रदेश में कमलनाथ की सरकार बनने के बाद ही विधानसभा के सचिव पद से रिटायर्ड जस्टिस चौबे की नियुक्ति को निरस्त कर दिया गया था। जिसके बाद 15 महीने के बाद वापस सत्ता में लौटी शिवराज सरकार ने एक बार फिर उन्हें संविदा नियुक्ति देखकर विधानसभा के सचिव पद पर नियुक्त किया है।
15 साल की शिवराज सरकार के सत्ता से जाते ही और कमलनाथ की सरकार में वापसी के बाद शिवराज सरकार द्वारा की गई कई तरह की नियुक्तियों को कमलनाथ ने निरस्त कर दिया था। जिसमें एक मध्यप्रदेश विधानसभा सचिवालय का सचिव पद भी शामिल था। वही कमलनाथ सरकार द्वारा संविदा नियुक्ति को निरस्त किए जाने के बाद विधानसभा सचिवालय में सचिव पद अब तक रिक्त था। जिसमें एक बार पुनः शिवराज सरकार के प्रोटेम स्पीकर ने संविदा नियुक्ति दी है। जानकारी के मुताबिक चौबे ने सरकार से अपनी संविदा नियुक्ति के लिए एक बार फिर आवेदन किया था। हालांकि अभी तक नियुक्ति आदेश विधान सभा सचिवालय की अधिकृत वेबसाइट पर अपलोड नहीं की गई है।
बता दें कि रिटायर जज और लोकायुक्त संगठन के पूर्व विधि सलाहकार शिशिर चौबे की सचिव पद पर नियुक्ति 2018 में हुई थी। विधानसभा चुनाव की आचार संहिता के दौरान पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीताशरण शर्मा के निजी स्टाफ में पदस्थ कर्मचारियों को संविदा पर नियुक्ति दे दी गई थी। चौबे भी इसमें ही शामिल थे। हालांकि कमलनाथ की सत्ता में वापसी के बाद कांग्रेस ने सचिव पद पर संविदा नियुक्ति को नियम के विरुद्ध माना था और चुनाव आयोग से पत्र लिखकर नियुक्तियां करने की मांग की थी। जिसके बाद सचिवालय में इन नियुक्तियों का विरोध भी किया गया था। और इसी के बाद प्रोटेम स्पीकर दीपक सक्सेना ने इन नियुक्तियों को निरस्त करने के आदेश दे दिए थे। जिसके बाद से विधानसभा सचिवालय में सचिव पद को भरा नहीं गया था। वही जल्दी सचिव के दूसरे पद की भी भरे जाने की संभावना है। दरअसल विधानसभा सचिवालय में सचिव के 2 पद स्वीकृत हैं लेकिन यह दोनों ही पद रिक्त है जिसमें 1 पर चौबे की नियुक्ति के बाद एक पद पर जल्द ही नियुक्ति की संभावना है।