नोटरी वाली शादी और तलाक पर लगी रोक, इंदौर हाईकोर्ट ने विधि विभाग को जारी की गाइडलाइन

इंदौर, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ (Indore Bench of Madhya Pradesh High Court) ने बड़ा निर्णय लिया है। जिसमें उन्होंने मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में शादी और तलाक की नोटरी (Marriage and Divorce Notary) करना और करवाना दोनों को अपराध बताया है। जिसके अनुसार अब मध्यप्रदेश में नोटरी के आधार पर शादी और तलाक नहीं होंगे।

इंदौर खंडपीठ (Indore Bench) ने नोटरी के द्वारा शादी या तलाक की परंपरा को अवैध बताते हुए इस पर रोक लगाने के लिए मध्यप्रदेश शासन के विधि विभाग (Law Department of Madhya Pradesh Government) को आदेश दिया है। उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ (Indore Bench) ने यह भी आदेश दिया है कि शादी और तलाक की नोटरी करने वाले वकीलों का लाइसेंस रद्द किया जाए, साथ ही उनके खिलाफ भी मामले दर्ज किए जाए।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।