बैतूल, वाजिद खान। मध्यप्रदेश के बैतुल में मांडवा निवासी 29 वर्षीय एक आदिवासी युवक संतोष ने बैतुल कलेक्ट्रेट पहुँचकर आवेदन दिया है और कहा साहब एक्सीडेंट के बाद से ज़िन्दगी बोझ बन गई है या तो इलाज के लिए सरकारी मदद दे दो या फिर इच्छा-मृत्यु की इजाज़त दे दो ।
युवक का कहना है कि एक्सीडेंट के बाद जिंदगी खुद पर बोझ बन गई है ऐसी जिंदगी से तो अब मौत ही भली है। एक तो गरीबी ऊपर से यह लाचारी इससे अच्छा तो मौत ही दे दो साहब सारी समस्याओं का हल शायद अब यही है।
संतोष आज एक अन्य व्यक्ति के सहारे जिला कलेक्टर से मिलने कलक्ट्रेट आया था । सन्तोष के आवेदन मुताबिक वह एमए तक शिक्षित है। आठ महीने पहले उसका एक एक्सीडेंट हुआ था, जिसमे उसे गम्भीर चोटें आई थी। इस घटना में लगभग पूर्ण अपंगता आगई है । परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने के चलते वो सही से इलाज भी नही करवा सका।
कई बार इलाज के लिए सरकारी मदद के लिए आवेदन किया लेकिन आज तक कोई सहायता नही मिली है । परिवार में मां विक्षिप्त है। छोटे भाई मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण देख रहे है । मेरी बीमारी,आज़ारी ओर लाचारी को देखते हुए इलाज के लिए सरकारी मदद उपलब्ध करा दें या फिर मुझे इच्छा-मृत्यु की अनुमति दे दें ।