मुरैना, नितेंद्र कुमार शर्मा। प्रसिद्द गांधीवादी विचारक डा एसएन सुब्बाराव “भाईजी” (famous Gandhian bhai ji subbarao) की पार्थिव देह जयपुर से मुरैना पहुंच गई है उनका पार्थिव शरीर मुरैना सर्किट हॉउस में कुछ घंटे रखने के बाद गांधी आश्रम जौरा (Gandhi Ashram Jaura) के लिए रवाना हो गया जहाँ गुरुवार दिनभर लोगों के दर्शनार्थ रखी जाएगी। गुरुवार देर शाम अंतिम संस्कार किया जाएगा। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी सुब्बाराव जी की अंतिम यात्रा में शामिल हो सकते हैं।
अपनों के बीच भाईजी के नाम से पहचाने जाने वाले सुब्बाराव जी (SN Subbarao) का निधन बुधवार सुबह 6:00 बजे 94 वर्ष की उम्र में जयपुर के अस्पताल में हो गया। निधन की खबर सुनते ही देश विदेश में शोक की लहार दौड़ गई। खासकर चंबल संभाग में भाईजी से जुड़े लोगों का दिल बैठ गया। लोग चौक, चौराहों पर इकठ्ठा होकर भाईजी के साथ बिताये पलों और उनके कामों कको याद करने लगे।
दरअसल सुब्बाराव जी ने 1962 में पहली बार मुरैना जिल के जौरा तहसील में गांधी आश्रम की नीव रखी जो कि आगे चलकर मील का पत्थर साबित हुई। चंबल संभाग के लोग उनके गांधीवादी विचारों से इतने प्रभावित हुए कि बहुत से लोगों ने अपने जीवन को ही बदल दिया। सुब्बाराव जी के गांधीवादी विचारों ने 600 से अधिक डकैतों को आत्मसमर्पण करवाया।
भाईजी सुब्बाराव जी निधन की सूचना मिलते ही जौरा गांधी आश्रम में पहुँचने लगे। भाईजी के सबसे नजदीकी लोगों में से एक एकता परिषद के संयोजक राजगोपाल पीवी ने व्यवस्थाएं सभालीं उन्होंने बताया कि सुब्बाराव जी की पार्थिव देह आश्रम पहुँच चुकी है। गुरुवार को दिनभर लोगों के दर्शनार्थ रखी जाएगी और गुरुवार शाम उनका अंतिम संस्कार होगा।
उधर मुरैना जिला प्रशासन भी सुब्बाराव जी के प्रभाव को समझते हुए अंतिम संस्कार की तैयारों पर नजर रखे हुए है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित देश विदेश से सुब्बाराव जी जुड़े लोग जौरा पहुंचेंगे और भाईजी को अंतिम विदाई देंगे।
About Author
Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....