MP Employee DA Hike 2023: मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने राज्य के लाखों सरकारी कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है। राज्य सरकार ने शिक्षकों के बाद अब कर्मंचारियों के महंगाई भत्ते में 4 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी है, जिसके बाद कर्मचारियों का कुल डीए 34% से बढ़कर 38 फीसदी हो गया है। यह 1 जनवरी 2023 से लागू होगा, इस संबंध में वित्त विभाग, मप्र शासन ने आदेश जारी कर दिए है। इसका लाभ प्रदेश के 7.50 लाख कर्मचारियों मिलेगा।
जारी आदेश के अनुसार, वर्तमान में शासकीय सेवकों को एक अगस्त 2022 से सातवें वेतनमान में 34 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता दिया जा रहा था, लेकिन 4 फीसदी वृद्धि के बाद अब कर्मचारियों को 38 फीसदी महंगाई भत्ता जनवरी 2023 से दिया जाएगा। वहीं महंगाई भत्ते का कोई भी भाग किसी भी प्रयोजन के लिए वेतन के रूप में नहीं माना जाएगा। राज्य शासन ने यह भी निर्देश दिए हैं कि शासकीय सेवकों को महंगाई भत्ते के भुगतान पर किया गया खर्च संबंधित विभाग के चालू वर्ष के स्वीकृत बजट के प्रावधान से अधिक नहीं हो।
बीते दिनों सीएम ने की थी घोषणा
दऱअसल, हाल ही में मीडिया से चर्चा करते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि राज्य कर्मचारियों को भी राज्य सरकार चार प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ाकर देगी। इसके भुगतान के आदेश एक-दो दिन में जारी होंगे। इसके बाद आज 27 जनवरी 2023 को इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए है। इस वृद्धि के बाद राज्य कर्मचारियों का महंगाई भत्ता केंद्रीय कर्मचारियों के समान 38 प्रतिशत हो गया है। अनुमान है कि इस फैसले से राज्य सरकार पर प्रतिवर्ष एक हजार 400 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा।
कितनी बढ़ेगी सैलरी
- मध्य प्रदेश में नियमित शासकीय कर्मचारी 06 लाख 40 हजार हैं और 1 लाख 10 हजार कर्मचारी दैनिक वेतन भोगी हैं, ऐसे में प्रदेश के साढ़े सात लाख कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा।
- आदेशानुसार मंहगाई भत्ते के 50 पैसे अथवा उससे अधिक पैसे को अगले उच्चतर रूप से पूर्णांकित किया जाएगा, जबिक 50 पैसे से कम की राशि को छोड़ दिया जाएगा। जारी आदेश के अनुसार मंहगाई भत्ते का कोई भी भाग वेतन के रूप में नहीं माना जाएगा।
- DA बढ़ने से न्यूनतम 15,500 रुपए वेतन पाने वालों को 625 रुपए और अधिकतम 2 लाख 15000 रुपए वेतन पाने वाले कर्मचारियों को 9000 रुपए प्रति महीने का लाभ मिलेगा। इसमें राज्य सरकार के सभी श्रेणी के कर्मचारी शामिल हैं।
- वहीं पेंशनरों को 33 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जा रहा है, जो केंद्र सरकार के पेंशनरों की तुलना में पांच प्रतिशत कम है।