नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। महाराष्ट्र में जारी सियासी उठापटक के बीच आज बागी शिंदे गुट की याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की, जहां उद्धव सरकार को बड़ा झटका लगा, जबकि कोर्ट की तरफ से बागी गुट को राहत मिली। सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी।
डिप्टी स्पीकर के नोटिस पर रोक
सुप्रीम कोर्ट ने शिंदे गुट को बड़ी राहत देते हुए डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल के फैसले पर फिलहाल रोक लगा दी है। बता दे, महाराष्ट्र संकर पर विधानसभा डिप्टी स्पीकर ने बागी शिंदे गुट के विधायकों को नोटिस जारी करते हुए आज शाम 5:30 बजे तक जवाब मांगा था, लेकिन कोर्ट ने कहा है कि अगली सुनवाई यानि 11 जुलाई तक चीजें यथास्तिथि रहेंगी।
सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को दिया नोटिस
इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर, विधानसभा के सचिव, केंद्र सरकार, महाराष्ट्र पुलिस, शिवसेना विधायक दल के नेता अजय चौधरी, सुनील प्रभु को नोटिस दे दिया है। इस नोटिस का जवाब सभी पक्षों को पांच दिनों के अंदर देना है।
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39 विधायकों की आजादी की रक्षा के लिए सरकार पर्याप्त कदम उठाए: SC
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि राज्य सरकार कानून व्यवस्था बनाए रखे और सभी 39 विधायकों के जीवन और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए पर्याप्त कदम उठाए। उनकी संपत्ति को कोई नुकसान न पहुंचे।
शिंदे गुट ने लगाई थी ये दो याचिकाएं
शिंदे गुट ने सुरक्षा और डिप्टी स्पीकर के नोटिस को अवैध बताते हुए सुप्रीम का रुख किया था। 16 विधायकों ने सर्वोच्च अदालत से दो चीजों की मांग की थी। पहला तो यह की विधायकों ने उन्हें अयोग्य ठहराने के डिप्टी स्पीकर के नोटिस को अवैध बताते हुए चुनौती दी है और दूसरा उन्होंने खुद के और परिवार के लिए कोर्ट से सुरक्षा मुहैया कराए जाने की मांग की है।
सुप्रीम कोर्ट में शिंदे गुट की तरफ से दिग्गज वकील हरीश साल्वे ने मामले की पैरवी की थी जबकि शिवसेना की ओर से भी वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने केस में दलीलें पेश की।
मामले की सुनवाई जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी परदीवाला की पीठ ने की।
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सुनवाई के बीच संजय राउत को ED का समन
महाराष्ट्र के सियासी संकट पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के बीच प्रवर्तन निदेशालय ने शिवसेना सांसद संजय राउत को समन भेजा है। ED ने मंगलवार को जमीनी विवाद पर पूछताछ के लिए बुलाया है।
ED का नोटिस आने के बाद शिवसेना के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय राउत ने केंद्र सरकार पर पलटवार करते हुए कहा कि यह शिवसेना को रोकने की साजिश है।