भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (MP) में पंचायत चुनाव (MP Panchayat election) की आहट सुनाई देने लगी है। माना जा रहा है कि दिवाली (diwali) के बाद पंचायत चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया जाएगा। निर्वाचन आयोग (Election commission) ने चुनाव के लिए अपनी तैयारी पूरी कर ली है। इसी बीच हाईकोर्ट (high court) में पंचायत चुनाव मामले में सुनवाई की गई। सुनवाई के दौरान शिवराज सरकार ने पंचायत चुनाव कराने को लेकर जवाब पेश करने के लिए 2 हफ्ते की मोहलत की मांग की है।
इससे पहले स्थानीय निकाय चुनाव को टाले जाने को अनुचित ठहराते हुए हाईकोर्ट ने सरकार से तर्क रखने की बात कही थी। जिसके लिए अब शिवराज सरकार ने गुरुवार को HC में कहा है कि उन्हें कुछ और मोहलत चाहिए। सरकार का कहना है कि मामला गंभीर है। जब तक प्रदेश में Corona का खतरा पूरी तरह से टल नहीं जाता, तब तक चुनाव के ऊपर निर्णय लेना उचित नहीं है।
वही शिवराज सरकार के मोहलत की मांग करने के बाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आगामी सुनवाई तक हर हाल में जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही जबलपुर हाई कोर्ट द्वारा सरकार को जवाब पेश करने के लिए समय दे दिया गया है। इस मामले में अगली सुनवाई 8 नवंबर को होगी।
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बता दे दमोह निवासी जया ठाकुर की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए प्रदेश में नगर निगम और पंचायत के चुनाव कराने की बात कही गई थी। दायर याचिका में कहा गया था कि नगर निगम और पंचायत के निर्वाचित कार्यकाल समाप्त हो गया लेकिन फिर भी चुनाव नहीं करवाए जा रहे हैं। वही लगातार चुनाव टाले जाने के बाद अब याचिकाकर्ता जया ठाकुर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में है।
चर्चाओं की माने तो आरक्षण की स्थिति स्पष्ट होते ही चुनाव कार्यक्रम घोषित कर दिए जाएंगे। वही माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव के बाद त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की घोषणा हो सकती है। इधर प्रदेश में होने वाले panchayat election के लिए राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा ग्राम पंचायत और जनपद पंचायत की आरक्षण की प्रक्रिया पूरी हो गई है।
वहीं अब जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण की प्रक्रिया का ब्यौरा की मांग की है। panchayat election जिला पंचायत के सदस्य पद के लिए अध्यक्ष पद का आरक्षण होना बाकी है। जिसकी तरफ राज्य निर्वाचन आयोग ने आरक्षण के ब्यौरा की मांग की थी।
इसके अलावा 3 स्तरीय पंचायत में पंच सरपंच जनपद सदस्य का कार्यकाल भी मार्च 2021 में समाप्त हो चुके हों। जबकि 29 नगर परिषदों में चुनाव होना भी बाकी है। जानकारी के मुताबिक जिला और जनपद पंचायत के सदस्यों के चुनाव ईवीएम से होंगे जबकि ग्राम पंचायत के चुनाव मतपत्र द्वारा कराए जाएंगे।