पुरानी पेंशन बहाली की मांग तेज, कर्मचारियों का फूटा गुस्सा, राज्य सरकार को दी ये चेतावनी

Pooja Khodani
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ऊना, डेस्क रिपोर्ट। कांग्रेस शासित दो राज्यों में पुरानी पेंशन लागू होने के बाद अन्य राज्य सरकारों की टेंशन बढ गई है।  छत्तीसगढ़ और राजस्थान में पुरानी पेंशन योजना (old pension scheme) की बहाली के बाद देशभर में इसे लागू करने की मांग उठाई जा रही है। अब हिमाचल प्रदेश के कर्मचारी पुरानी पेंशन लागू करने की मांग को लेकर मैदान में उतर आए है।यहां तक उन्होंने राज्य की जयराम ठाकुर सरकार को चेतावनी भी दी कि अगर मानसून सत्र से पहले पुरानी पेंशन लागू नहीं की गई तो वे परिवार के साथ शिमला में मोर्चा डालेंगे और चुनाव का भी विरोध करेंगे।

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दरअसल, हरियाणा,उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, झारखंड समेत कई राज्यों में पुरानी पेंशन की बहाली की मांग के बाद अब हिमाचल प्रदेश में इस मांग ने जोर पकड़ लिया है। आज हिमाचल प्रदेश के ऊना और छोटी काशी मंडी में न्यू पेंशन स्कीम एसोसिएशन (NPSA ) ने पुरानी पेंशन बहाली को लेकर पेंशन संकल्प रैली निकाली और जमकर नारेबाजी की। साथ ही संगठन के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ने चेतावनी देते हुए कहा अगर सरकार ने पुरानी पेंशन लागू नहीं की तो कर्मचारी मानसून सत्र में परिवार के साथ शिमला में मोर्चा डालेंगे।

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इतना ही नहीं उन्होने कहा कि सरकार पुरानी पेंशन काे बहाल करती है तो आने वाले चुनावों में समर्थन किया जाएगा। अगर नहीं किया तो चुनावों में विरोध का सामना करने के लिए सरकार तैयार रहे।  इसका खामियाजा सरकार को चुनावों में भुगतना पड़ेगा।  सरकार से उनकी कई बार वार्ता हुई हैऔर सरकार ने एक कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी की अभी तक एक भी बैठक नहीं हुई है। चुनाव आचार संहिता लगने में कुछ ही दिनों को समय बचा है, इससे पहले सरकार फैसला लें वरना भाजपा को मिशन रिपीट नहीं करने दिया जाएगा।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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