प्रदेश में फैले कोरोना संक्रमण(Corona infection) के बीच नगर निकायों(Civic bodies) का कार्यकाल खत्म हुए 4 से अधिक महीने बीत चुके हैं। लेकिन अब तक सरकार(government) की तरफ से इन पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है। हालांकि शिवराज सरकार(shivraj government) ने सत्ता में आते ही इनके कार्यकाल बढ़ाने पर चर्चा की थी। जिसमें कानून में संशोधन कर(Amended law) अध्यादेश जारी भी कर दिया गया था। बावजूद इसके अब तक इस पर कोई कार्यवाही नहीं किए जाने को लेकर बीजेपी(BJP)-कांग्रेस(CONGRESS) अब एकजुट हो गई है। जिसको लेकर आज सोमवार को बीजेपी-कांग्रेस के नगर पालिका अध्यक्ष सीएम हाउस(CM House) पहुंचे है।वहीँ उन्होंने ये भी कहा है कि अगर उनकी मांग नहीं मांगीं गई तो वो आगामी उपचुनाव(Upcoming by-election) का बहिष्कार करेंगे।
दरअसल नगर पालिकाMunicipality), नगर निगम(municipal Corporation), नगर परिषद(City Council) के अध्यक्षों और महापौर पदों पर कार्यकाल बढ़ाने की मांग को लेकर आज बीजेपी-कांग्रेस के नगर पालिका अध्यक्ष सीएम हाउस पहुंचे हैं। उनके साथ प्रदेश के करीब 200 से ज्यादा अध्यक्ष और महापौर भी वहां मौजूद हैं। इसे देखते हुए वहां पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई। उनकी मांग है कि नगर पालिका नगर निगम और नगर परिषद का कार्यकाल 1 वर्ष अथवा नगर निकाय चुनाव होने तक के लिए बढ़ाया जाना चाहिए। नगर पालिका अध्यक्ष ने यह भी कहा कि शिवराज सरकार ने सत्ता में आते ही कहा था कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच प्रदेश में चुनाव कराना संभव नहीं है। इसलिए नगर निकायों के चुनाव होने तक नगर पालिका, नगर निगम और नगर परिषद के कार्यकाल 1 वर्ष तक या जब तक चुनाव नहीं होते तब तक के लिए बढ़ाया जाना चाहिए लेकिन सरकार द्वारा अब तक इस मामले में कोई निर्णय नहीं लिया गया है। अध्यक्ष का आरोप है कि सरकार ने अप्रैल में घोषणा की थी। इसके बाद जिला पंचायत और जनपद में तो शपथ दिलवा दी गई लेकिन नगरीय निकाय अध्यक्षों को अब तक शपथ नहीं दी गई है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द इस विषय पर निर्णय लें अन्यथा नगर निकायों के अध्यक्ष और महापौर प्रदेश में होने वाले आगामी उपचुनाव का पूर्ण रूप से बहिष्कार करेंगे।
मतदाता सूची के पुनरीक्षण का काम हुआ था शुरू
ज्ञात हो कि 16 नगर निगमों में उज्जैन को छोड़कर सभी का कार्यकाल कई महीने पहले ही समाप्त हो चुका है। 378 निकायों में से 297 का कार्यकाल जनवरी-फरवरी में समाप्त हो चुका है। राज्य निर्वाचन आयोग ने नगरीय निकाय चुनाव के लिए मतदाता सूची के पुनरीक्षण का काम शुरू किया था, लेकिन प्रदेश में तेजी से फ़ैल रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए चुनाव पर रोक लगा दी गई थी।
बता दें कि प्रदेश के 297 नगरीय निकायों में कर्मचारियों का कार्यकाल खत्म हुए आज चार महीने से अधिक का वक़्त गुजर चूका है बावजूद इसके कोरोना संक्रमण को देखते हुए चुनाव को टाल दिया गया था जिसके बाद शिवराज सरकार महामारी की आड़ में एक साल के लिए इनका कार्यकाल बढ़ाने का फैसला किया। कानून में संशोधन के लिए अध्यादेश जारी भी कर दिया गया था समितियों में महापौर और अध्यक्ष सहित तमाम पार्षद शामिल कर लिए गए थे।अब अध्यक्ष और महापौर नगर पालिका, नगर निगम और नगर परिषद का कार्यकाल बढ़ाने की मांग कर रहे हैं वहीँ उनका ये भी कहना है कि अगर इस मुद्दे पर सरकार जल्दी फैसला नहीं लेती है तो वो उपचुनाव का बहिष्कार करेंगे