भ्रष्टाचार: बिल्डरों ने बिना अनुमति बना दी मल्टी स्टोरी, कलेक्टर के निर्देश पर FIR  

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर नगर निगम (Gwalior Municipal Corporation) में पदस्थ भ्रष्ट अधिकारियों के कोई ना कोई कारनामे आये दिन उजागर होते रहते हैं जो ये बताते हैं कि ग्वालियर नगर निगम (Gwalior Municipal Corporation) में भ्रष्टाचार की जड़ें कितनी मजबूत हैं। ताजा मामला एक मल्टी स्टोरी बिल्डिंग से जुड़ा हुआ है। इस मल्टी स्टोरी बिल्डिंग को बनाने वाले बिल्डरों ने अनुमति के विपरीत जाकर इसे बना दिया और ग्वालियर नगर निगम (Gwalior Municipal Corporation) के अधिकारी आंखें बंद करे बैठे रहे। मामला जब कलेक्टर की जनसुनवाई में पहुंचा तब बिल्डरों के खिलाफ पुलिस थाने में FIR दर्ज की गई।

पांच लाख की रिश्वत लेते पकड़े गए सिटी प्लानर प्रदीप वर्मा के कारनामे खुलने के बाद ग्वालियर नगर निगम (Gwalior Municipal Corporation) के अधिकारियों की कारगुजारियां धीरे धीरे सामने आने लगीं। अब एक और बड़ा मामला सामने आया है जिसमें सिटी प्लानर, सहायक सिटी प्लानर, भवन अधिकारी, सहायक भवन अधिकारी, क्षेत्र अधिकारी सहित भवन निरीक्षकों की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं। मामला बहोड़ापुर क्षेत्रीय कार्यालय के अंतर्गत एक कॉलोनी में बनी मल्टी स्टोरी बिल्डिंग से जुड़ा है। जिसके निर्माण की कहानी ग्वालियर नगर निगम (Gwalior Municipal Corporation) के अधिकारियों और बिल्डर की गठजोड़ और भ्रष्टाचार की कहानी बयां कर रही है।

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मंजूरी चार अलग अलग प्लाट की, बना दिया अपार्टमेंट   

दरअसल ग्वालियर नगर निगम (Gwalior Municipal Corporation) के बहोड़ापुर क्षेत्रीय कार्यालय के पीछे कुछ दूरी पर बसा है गालव नगर जिसे 24 बीघा भी कहा जाता है। यहाँ चार बिल्डरों ने मिलकर सिल्वर अपार्टमेंट के नाम से एक चार मंजिला मल्टी स्टोरी बनाई है। इनके निर्माण में ग्वालियर नगर निगम (Gwalior Municipal Corporation) के अधिकारियों की बड़ी कारगुजारी उजागर हुई है जो बड़े भ्रष्टाचार की तरफ इशारा करती है।  बताया जा रहा है कि यहाँ चार बिल्डरों ने चार अलग अलग प्लॉट पर भवन बनाने की अनुमति ली। लेकिन इन लोगों ने चारों प्लॉट को क्लब करके 19 फ्लैट का सिल्वर अपार्टमेंट बना दिया और फ़्लैट बेच दिए। खास बात ये है कि निगम के अधिकारी आंखें बंद किये हुए ये सब देखते रहे। मामले की शिकायतें भी हुईं लेकिन तत्कालीन कमिश्नर सहित सभी वरिष्ठ अधिकारी चुप्पी साधे रहे।

 कलेक्टर की फटकार के बाद हुई पुलिस में FIR

भवन अधिकारी राजू गोयल ने एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ से बात करते हुए बताया कि 2014 में चार लोगों ने अलग अलग प्लॉट पर गालव नगर (24 बीघा) में भवन बनाने के लिए मंजूरी ली लेकिन बाद में इन बिल्डरों ने चारो प्लॉट को क्लब कर सिल्वर अपार्टमेंट के नाम से चार मंजिला मल्टी स्टोरी बना दी। और फ़्लैट बेच दिया। किसी ने कलेक्टर की जनसुनवाई में इसकी शिकायत की जिसके बाद कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह के निर्देश पर सिल्वर अपार्टमेंट बनाने वाले चारों बिल्डरों पर बहोड़ापुर थाने में FIR दर्ज करवाई गई है।

निगम ने इन बिल्डरों पर कराई FIR

बताया जा रहा है कि गालव नगर 24 बीघा में सिल्वर अपार्टमेंट का निर्माण सतेंद्र सिंह जादौन, लक्ष्मीनारायण शिवहरे, महावीर सिंह सिकरवार और द्वारिका सिंह यादव नामक बिल्डरों ने किया है। भवन अधिकारी राजू गोयल की शिकायत पर इन चारों बिल्डरों के खिलाफ बहोड़ापुर पुलिस थाने में FIR दर्ज की गई है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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