भोपल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में कोरोना (Corona) के कहर के बीच राजधानी भोपाल (Bhopal) के चिरायु अस्पताल (Chirayu hospital) का अमानवीय चेहरा सामने आया है जहां पर एक मरीज के परिजनों से सिर्फ इसलिए बदसलूकी की गई क्योंकि उन्होंने ‘आयुष्मान कार्ड’ के जरिए इलाज करवाने की बात कही, जिस पर अस्पताल का मैनेजर गौरव बजाज बेखौफ होकर इलाज करने के लिए साफ मना कर रहा है वही मैनेजर ने यह तक कह डाला कि यहां सरकार का कोई आदेश नहीं चलेगा। इस पूरे घटनाक्रम को परिजनों ने कैमरे में कैद कर लिया आप भी देखिए किस तरह इलाज करवाने आए मरीज के परिजनों से मैनेजर बदतमीजी कर रहा है।
चिरायु अस्पताल में मैनेजर की बदसलूकी का वीडियो हुआ वायरल pic.twitter.com/XSgoJt3Psj
— MP Breaking News (@mpbreakingnews) May 16, 2021
बता दें कि कुछ दिनों पहले ही सीएम शिवराज (CM Shivraj) ने यह घोषणा की थी कि प्रदेश में सभी अस्पताल जहां पर कोरना मरीजों का इलाज हो रहा है, वहां पर आयुष्मान कार्ड धारकों का मुफ्त इलाज होगा लेकिन भोपाल शहर के सबसे बड़े कोविड अस्पताल होने का दावा करने वाले चिरायु अस्पताल में जब एक बेटे ने अपनी मां का आयुष्मान कार्ड योजना के तहत इलाज कराने की बात कही तो अस्पताल प्रबंधन ने उससे अभद्रता कर डाली।
यह भी पढ़ें…भोपाल में ब्लैक फंगस के मरीजों में हो रही वृद्धि, अब तक 80 केस आये सामने, 22 ने खोई एक आंख की रौशनी
इस मामले में पीड़ित योगेश बलवानी ने बताया कि उसकी माता को 19 अप्रैल को चिरायु अस्पताल में कोरोना इलाज के लिए भर्ती करा गया था, और उस समय से लेकर अब तक अस्पताल वाले योगेश से लगभग 3 लाख रुपए वसूल चुके हैं, जब सीएम शिवराज द्वारा यह घोषणा की गई कि आयुष्मान धारकों का कोरोना इलाज मुफ्त में होगा तो उसके बाद योगेश ने इस योजना के तहत इलाज करने की बात कही जिस पर अस्पताल वाले योगेश को करीब 2 हफ्तों तक चक्कर लगवाते रहे, वही हर हफ्ते अस्पताल से पैसों के लिए कॉल आते रहे। लेकिन अस्पताल की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला। योगेश ने आगे बताया कि 2 दिन पहले जब हॉस्पिटल गया तो वहां के मैनेजर गौरव बबाज से पूछा कि आप लोग आयुष्मान कार्ड एक्सेप्ट क्यों नहीं कर रहे हैं जिस पर उनका जवाब यह था हम नहीं करेंगे, गवर्नमेंट को जो करना है कर ले हमने गवर्नमेंट को जवाब दे दिया है। जिसके बाद मेरी उनसे काफी बहस हुई और उन्होंने मुझे धक्के देकर अस्पताल से बाहर निकलवा दिया। वही मेरी मां की डेड बॉडी देने पर भी साफ इंकार कर दिया गया। काफी जद्दोजहद के बाद मुझे अस्पताल वालों ने बॉडी सौंपी और अभी भी वो मुझे पैसों के लिए बार बार फ़ोन कर रहे है और कह रहे है की अगर मैंने पुरे पैसे नहीं दिए तो वो मेरी माता का डेथ सर्टिफिकेट नहीं देंगे कार्यवाही की जाएगी।