कमलनाथ ने CM पद से दिया इस्तीफा, राज्यपाल को सौंपा

भोपाल।फ्लोर टेस्ट से पहले प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने हार मान ली है। कमलनाथ राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया है।इसका ऐलान उन्होंने आज सीएम हाउस में हुई प्रेस कॉन्फ्रेन्स के दौरान किया। पीसी में सीएम ने कहा कि 11 दिसंबर 2018 को विधानसभा का परिणाम आया, कांग्रेस सबसे ज्यादा सीट जीतकर आई थी।17 दिसंबर को मैने सीएम की शपथ ली। आज 20 मार्च है लगबग 15 महीनों में प्रयास रहा प्रदेश को नई दिशा दे।40-45 साल के राजनीतिक जीवन में विकास पर विश्वास रखा।प्रदेश पूछ रहा है मेरा कसूर क्या है।

बीजेपी को 15 साल मुझे 15 महीने

नाथ ने कहा कि बीजेपी को 15 साल मुझे 15 महीने दिए गए, आखिर इन 15 महीने में मैने क्या गलती की। हमारे 22 विधायकों को बीजेपी ने कर्नाटक में बंदी बनाने का काम किया।पूरा प्रदेश इसका गवाह है।बीजेपी ने लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या की है।प्रदेश के साथ धोखा करने वालों क जनता कभी माफ नहीं करेगी।बागियों को जनता माफ नहीं करेगी।ये विश्वासघात मेरे साथ नहीं मध्यप्रदेश की जनता के साथ है।प्रदेश के विकास का एक नया नक्शा बन रहा था लेकिन बीजेपी मेरी सरकार को अस्थिर करने के प्रयास में लगी रही।

15 महिने की उपलब्धियों का किया बखान

इस दौरान कमलनाथ ने अपनी उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि  15 महीने में तीन लाख किसानों का कर्जा माफ किया। दूसरे चरण में साढ़े सात लाख किसानों के कर्ज माफी की प्रक्रिया जारी है।तीसरे चरण में 1 जून से कर्ज माफी की तीसरी प्रक्रिया शुरू करने जा रहे हैं। भाजपा ने हमारी सरकार के साथ षडयंत्र कर किसानों और जनता के साथ धोखा किया। 15 महीने में प्रदेश को माफिया मुक्त करने का अभियान किया। लेकिन भाजपा नहीं चाहती थी कि माफिया के खिलाफ अभियान चले। बीजेपी शासन काल में माफिया को बढ़ावा मिला।नाथ ने आगे कहा कि प्रदेश को विश्वपटल पर पहुंचाने के लिये प्रयास किये।  युवाओं को रोजगार देने की कोशिश की। रामवनगमन पथ , गौ माता सरक्षण के लिये गौशाला बनाई। हम प्रदेश को सुरक्षित भयमुक्त बनाना चाहते हैं ये भाजपा को रास नहीं आया।बीजेपी ने लोकतंत्र की हत्या की है।15 महीने में हमने अपने वचनपत्र में से 400 वचनों को पूरा किया।

सिंधिया को माफ नही करेगी जनता

इस दौरान सिंधिया पर हमला करते हुए कहा कि धोखा देने वालों को जनता माफ नहीं करेगी।हम कर्तव्य के पद पर चलेंगे।न झुकेंगे।बीजेपी ने विधायकों को तोड़ने के लिये करोड़ो खर्च किये। 15 महीने में हमने मिलावटखोरों के खिलाफ कार्रवाई की।

बता दें कि गुरूवार देर रात मध्यप्रदेश के राजनीतिक घटनाक्रम में एक बड़े उलटफेर के चलते स्पीकर एन पी प्रजापति ने सोलह विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिये हैं। ये वही कांग्रेस के बागी विधायक हैं जो पिछले दस दिनों से बेंगलुरू में डेरा डाले हुए हैं। इनमें सुरेश धाकड़, रक्षा संतराम सरोनिया, जजपाल सिंह जज्जी, विजेंद्र सिंह, रघुराज कंसाना, ओपीएस भदौरिया, मुन्नालाल गोयल, गिर्राज दंडोतिया, कमलेश जाटव, रणवीर सिंह जाटव, राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, हरदीप सिंह डंग और मनोज चौधरी ,एन्दल सिह कंसाना, बिसाहू लाल सिंह शामिल हैं।

इससे पहले गुरूवार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए राज्य सरकार को शुक्रवार यानि आज बहुमत साबित करने के लिये कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि शुक्रवार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर शाम 5 बजे तक फ्लोर टेस्ट कराया जाए। फ्लोर टेस्ट में विधायक हाथ उठाकर वोटिंग करेंगे। इसके साथ ही बेंगलुरु में ठहरे 16 विधायकों को लेकर कहा गया कि उनपर विधानसभा में उपस्थित रहने का कोई दबाव नहीं है, ये उनकी इच्छा पर निर्भर करता है कि वे विधानसभा में उपस्थित रहना चाहते हैं या नहीं। साथ ही कर्नाटक और मध्यप्रदेश के डीजीपी को आदेश दिया गया है कि उन विधायकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने पूरी कार्यवाही की वीडियोग्राफी करने के निर्देश भी दिये हैं। इस तरह सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष का फैसला पलट दिया है जिसमें उन्होने सत्र की कार्यवाही 26 मार्च तक स्थगित कर दी थी।


About Author
न्यूज डेस्क, Mp Breaking News

न्यूज डेस्क, Mp Breaking News

Other Latest News