वहीं दिव्यांगजनों के लिए शुरू की गई यूनीक डिसेबिलिटी आईडी (UDID) जारी करने वाला मध्यप्रदेश देश का दूसरा राज्य है।सीएम शिवराज ने कहा कि दिव्यांगजनों के लिए विशिष्ट पहचान पहचान पत्र पर योजना केवल पारदर्शिता कार्यकुशलता और दिव्यांगजनों को सरकारी लाभ पहुंचाने में सुगमता प्रदान नहीं करती बल्कि यह सार्वभौमिकता भी सुनिश्चित करती है।
वहीं केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सबका साथ सबका विकास मंत्र को साकार किया जा रहा है। वही समाज में दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए भारत सरकार द्वारा बहुत सारी परियोजनाओं का क्रियान्वयन हो रहा है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दिव्यांगजनों में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं होती है। उन्हें आत्मनिर्भर बनाने हेतु योजनाएं चलाई जा रही हैं।
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वही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि दिव्यांगजन के जीवन को आसान बनाने हेतु उपकरण वितरित किए जा रहे हैं। यह कार्यक्रम में यह सचमुच में तपस्या है। सड़क हो, भवन हो, स्कूल और कॉलेज हो, बस दिव्यांगजनों को इन सभी स्थानों पर सुविधाएं मिले। इसके लिए हम हमेशा प्रयासरत हैं। दिव्यांगजन कभी भी किसी के मोहताज न बने। इसके लिए उचित कार्य शैली अपनाई जा रही है।
सीएम शिवराज ने कहा कि हमारे लिए सब बराबर है। किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं है। हमारा लक्ष्य है कि सामान्य जीवन में आमजन को जो सुविधाएं मिलती है। उन योजनाओं का लाभ हमारे दिव्यांगजन भाइयों को भी मिले ताकि वह किसी और पर निर्भर ना रहे। कार्यक्रम में बोलते हुए सीएम शिवराज ने कहा सामाजिक न्याय-सामाजिक समरसता हमारा मूल मंत्र है। केंद्र और राज्य सरकार विशेष कार्यक्रम और योजनाएं दिव्यांग जनों के लिए बना रहे हैं।
CM शिवराज ने कहा कि दिव्यांगजन किसी पर आश्रित नहीं रहना चाहते। इसलिए उनके लिए कौशल उन्नयन का प्रशिक्षण अनिवार्य किया जाएगा। अगर उन्हें कौशल संयुक्त कर दिया जाएगा तो वह अपनी आजीविका चला सकेंगे और वह समाज के लिए भी उदाहरण बनेंगे।