भिंड, गणेश भारद्वाज। कलेक्टर डॉ सतीश कुमार एस ने नदी किनारे गांवों के ग्रामवासियों से अपील की है कि अपना सामान या धन संपत्ति बचाने के चक्कर में अपनी जान जोखिम में ना डालें । उन्होने कहा जान है तो जहान है इसलिए सबसे पहले अपनी जान बचाएं और सुरक्षित स्थान पर पहुंचें।
ग्वालियर-चम्बल बाढ़ : राहत बचाव के लिए जुटे ज्योतिरादित्य सिंधिया, कहा- “जनसेवा के लिए प्रतिबद्ध”
बता दें कि सिंध नदी का जलस्तर लगातार तेजी से बढ़ता जा रहा है। लोगों की मानें तो अब तक के इतिहास में नदी में इतना जल स्तर कभी नहीं बढ़ा। अब तक नदी का जलस्तर 12 मीटर तक पहुंच चुका है। जिला प्रशासन ने देर रात तक 15 मीटर तक पहुंचने का अंदेशा जताया है। जिला प्रशासन व एसपी मनोज कुमार सिंह ने लोगों से सावधान रहने को कहा है।राहत की बात यह है कि शिवपुरी स्थित मणिखेड़ा बांध के कुछ गेटों को बंद किया गया है, सुबह से ही ग्राउंड जीरो पर कलेक्टर और एसपी मनोज कुमार सिंह मौजूद है। जिला प्रशासन का अमला और एनडीआरएफ, एसडीआरएफ होमगार्ड सेवा व जिला प्रशासन पुलिस के लोग राहत और बचाव कार्य हेतु लोगों के बीच मौजूद है।
चंबल नदी का जलस्तर भी खतरे के निशान से 3 मीटर ऊपर
दूसरी ओर सीमा पर बहने वाली चंबल नदी का जलस्तर भी खतरे के निशान से 3 मीटर ऊपर है। नदी का जलस्तर का खतरे का निशान 122 मीटर है वहीं नदी वर्तमान में 125 मीटर पर उत्तर प्रदेश की सीमा बरही पर बह रही है। क्षेत्र के दामों में भी जिला प्रशासन ने अलर्ट घोषित कर दिया है और लोगों से सावधान रहने की अपील की है।
जिले में बहने वाली छोटी नदियां भी उफान पर
जिले में से बहने वाली छोटी नदियां जैसे कि बेसली, क्वारी और सोनभद्रका पहूज व आसन आदि नदियों का जलस्तर भी काफी ऊपर आ गया है। इनके किनारों के भी करीब आधा सैकड़ा गांवों में जिला प्रशासन के द्वारा अलर्ट घोषित किया गया है और लोगों से सावधान रहने की अपील की गई है। हर गांव में पटवारी और कोटवार को तत्काल शासन को सूचना करने के लिए तैनात किया गया है।
नदी चेत्र का हर थाना एक्टिव मोड में
पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने नदी क्षेत्र में आने वाले प्रत्येक थाने के थाना प्रभारी को निर्देशित किया है कि वह दिन रात काम करके लोगों को राहत पहुंचाएं और अपने पूरे फोर्स को एक्टिंग मोड में रखें। लोगों को किसी भी प्रकार की परेशानी ना आए इस बात का ध्यान रखें और लोगों को समझाएं दें कि वह बाढ़ क्षेत्र को छोड़कर सुरक्षित क्षेत्रों में पहुंच जाएं जहां शासन ने इंतजाम किए हैं।