संस्कारधानी में कोरोना संकटकाल के दौरान एक शख्स ने संदेश दिया है।इस युवक ने पैसों के लिए नहीं बल्कि अपने ईमान और पीडि़त मानवता की सेवा के लिए सभी को काम करने का संदेश दिया है। दरअसल एक आटो चालक ने परेशान मां और उनके बीमार बच्चों को जबलपुर से 40 किलोमीटर दूर बिना पैसे लिए उन्हें उनके घर छोड़ा है। यह बच्चे थैलेसीमिया की गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। जिनकी अस्पताल से छुट्टी हो जाने बाद उनको घर जाने का साधन नहीं मिल रहा था, तब आटो चालक मुकेश रजक ने उनको उनके घर छोड़कर पीडि़त मानवता की मिसाल पेश की है।
इस संबंध में आटो चालक मुकेश रजक ने बताया कि एक मां अपने बच्चों के साथ अपने घर जाने के लिए दो दिन से परेशान थी, क्योंकि वह अपने बच्चे काजल व शिवम को थैलेसीमिया की बीमारी होने के कारण इलाज के लिए मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले अंतर्गत आने वाले जिला अस्पताल विक्टोरिया में आई हुई थी। जिनका इलाज 19 जुलाई 2020 को हो गया था और 20 जुलाई की सुबह विक्टोरिया अस्पताल के बच्चा वार्ड से उनके दोनों बच्चों का इलाज हो जाने के बाद छुट्टी कर दी गई थी। अब इस बीच उन्हें अपने घर बरगी अंतर्गत आने वाले निगरी गांव में जाना था, जिसके लिए उन्हें किसी भी प्रकार का कोई साधन नहीं मिल रहा था और वह बहुत परेशान हो गई थी।
सोशल मीडिया में जारी हुआ था मैसेज
इस संबंध में मुकेश रजक ने बताया समाजसेवी संस्थाओं के द्वारा सोशल मीडिया में एक मैसेज जारी कर दिया गया कि कोई थैलेसीमिया की गंभीर बीमारी से पीडि़त बच्चों व मां को उनके घर पहुंचा दो, तब इस संबंध की जानकारी जैसे ही आटो चालक को प्राप्त हुई, तब वह अपनी आटो से उस मां व उनके बच्चों को नि:शुल्क उनके घर पहुंचाने के लिए पहुंच गए और उनको घर छोड़ दिया।
आटो चालक ने दिया सराहनीय संदेश
इस दौरान आटो चालक मुकेश रजक ने बताया कि कोरोना संकटकाल के चलते परिवहन सेवा बंद है, जिसके कारण आटो की सवारियां भी नहीं मिल रही हैं और ऐसे में उनको भी अपने परिवार का पालन-पोषण करने में बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आटो चालक ने कहा कि जब कभी किसी पीडि़त के दर्द व तकलीफ को दूर करने की बात आती है और ईश्वर यह मौका देता है, तब हमें इस मौके को नहीं गवाना चाहिए और हर एक जरूरतमंदों की मदद करना चाहिए। इसलिए कुछ ऐसा ही करके आज हमने उन बच्चों व मां को उनके घर छोड़ करके दिखाया है, जिससे दिल को बहुत शुकून मिला है।