नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के सियासी ड्रामे में एक बड़ी सामने खबर आ रही है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के 22 विधायक किस पार्टी की तरफ जाएंगे इसको लेकर दुविधा बनी हुयी है। अभी सभी विधायकों को बेंगलुरु रखा गया हैं और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के बेटे राघवेंद्र इन विधायकों की सुरक्षा और निगरानी कर रहे हैं। हाल ही में कांग्रेस का कहना है कि 22 विधायकों में सिर्फ 8 विधायक सिंधिया के साथ के हैं बाकी 14 विधायक बीजेपी में नहीं शामिल होना चाहते हैं। कांग्रेस का यह भी दावा है कि बीजेपी के 6 विधायक उनके संपर्क में हैं। विधायकों के दल बदलने के डर से बीजेपी ने 105 विधायकों को मानेसर तथा कांग्रेस ने लगभग 80 विधायकों को जयपुर भेज दिया है। कुछ विधायक भोपाल भी मौजूद हैं।
सूत्रों के मुताबिक कहा जा रहा है कि 4 शहरों (मानेसर, भोपाल, जयपुर और बेंगलुरु) में अलग-अलग स्थानो में भाजपा और कांग्रेस अपने विधायकों को भेज रही है। बीजेपी ने 107 विधायक में से 105 विधायकों को 10 मार्च (मंगलवार) को पार्टी मुख्यालय से ही बस में बैठाकर एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए रवाना कर दिया था और दो विधायकों में शिवराज सिंह चौहान दिल्ली में और नारायण त्रिपाठी को एमपी में ही मौजूद हैं। इसके साथ ही कांग्रेस ने भी कुल 94 विधायकों में से 80 विधायकों को बस में बैठाकर एयरपोर्ट के लिए रवाना कर दिया था। जबकि उन्होंने 14 विधायक को भोपाल में ही रोक लिया है कहा जा रहा है कि राजनीतिक सियासी और 26 मार्च को राज्यसभा चुनाव की तैयारी के लिए इनको भोपाल में रोका गया है। एमपी की 3 लोकसभा सीटों पर चुनाव के लिए 13 मार्च (शुक्रवार) को नामांकन पत्र भरने का आखरी दिन है। और इसी के साथ एक तरफ 22 विधायकों को जो सिंधिया के समर्थक है उन्हें कर्नाटक के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा के बेटे के निगरानी में, बेंगलुरु से 40 किलोमीटर दूर तीन अलग-अलग स्थानों पर को रखा गया है। इन सभी विधायकों को कमांडो की सुरक्षा में रखा जा रहा है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदुरप्पा के बेटे और सांसद विवाह राघवेंद्र विजयन इन सभी विधायकों की देखरेख में जुटे हुए हैं। इनमें बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरविंद भदौरिया भी शामिल हैं।