भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (madhya pradesh) में एक बार फिर से बाबूलाल चौरसिया(babulal chaurasia) की एंट्री के बाद कांग्रेसी पार्टी दो खेमों में बटती नजर आ रही है। एक तरफ जहां गॉडसे भक्तों की एंट्री का कांग्रेस के कुछ दिग्गज विरोध कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस (congress) का शीर्ष नेतृत्व उन पर कार्रवाई की बात कह रहा है।
दरअसल कांग्रेस पार्टी ने साफ संकेत दे दिया है कि विरोधियों के जवाब में बाबूलाल चौरसिया के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी और उनके पास कांग्रेस की सदस्यता बरकरार रहेगी। इस मामले में अब प्रदेश कांग्रेस कमेटी भी सख्ती का रुख अपना रही है। कांग्रेस पार्टी के मीडिया प्रभारी केके मिश्रा (kk mishra) ने कहा कि पार्टी प्रेसिडेंट (party president) पर यदि पार्टी का कोई नेता सवाल खड़े करता है तो यह अनुशासनहीनता की श्रेणी में गिना जाता है। जिसको प्रदेश कांग्रेस गंभीरता के साथ लेगी।
इतना ही नहीं मीडिया प्रभारी केके मिश्रा ने यह भी कहा कि अनुशासनहीनता समिति कमलनाथ के निर्णय पर उठाए गए सवालों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई कर सकती है। इतना ही नहीं कमलनाथ से नाराज कांग्रेसी नेताओं को निष्कासन की धमकियां भी दी गई है।
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ज्ञात हो कि नाथूराम गोडसे (nathuram godse) का मंदिर बनाने की मांग करने वाले हिंदू महासभा के पार्षद बाबूलाल चौरसिया पिछले दिनों कांग्रेस में शामिल हो गए। कमलनाथ की उपस्थिति में उन्होंने सदस्यता ग्रहण की थी। जिसके बाद बाबूलाल चौरसिया का विरोध शुरू हो गया है। पार्टी के शीर्ष नेताओं का कहना है की गांधी विचारधारा पर चलने वाली कांग्रेस गोडसे विचारधारा को कभी नहीं अपना पाएगी।
इस मामले में कांग्रेस नेता मानक अग्रवाल ने कहा कि कमलनाथ को धोखे में रखकर बाबूलाल चौरसिया को कांग्रेस की सदस्यता दिलाई गई है जबकि पार्टी को इस बारे में सोच विचार कर फैसला लेना चाहिए। मानक अग्रवाल ने यह भी कहा कि गोडसे की पूजा करने वाले गांधी के हत्यारे को पार्टी में कोई जगह नहीं मिलनी चाहिए।
चौरसिया के साथ ही कमलनाथ को भी छोड़ देनी चाहिए पार्टी – मानक अग्रवाल
बता दें कि इससे पहले कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव, सुभाष सोजतिया, मीनाक्षी नटराजन सहित कई नेताओं ने कमलनाथ (kamalnath) सहित पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष से सवाल पूछते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्हें साफ करना चाहिए कि उनकी विचारधारा गांधी की है यह गोडसे की। मानक अग्रवाल यही नहीं रुके उन्होंने कहा कि बाबूलाल चौरसिया के साथ ही कमलनाथ को भी कांग्रेस पार्टी छोड़ देनी चाहिए।
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सज्जन सिंह वर्मा, प्रवीण पाठक ने कमलनाथ के फैसले का किया स्वागत
हालांकि ग्वालियर से विधायक प्रवीण पाठक ने कमलनाथ के इस फैसले का स्वागत किया है और बाबूलाल चौरसिया की कांग्रेस में वापसी का समर्थन करते उन्होंने कहा कि लोग अगर गोडसे की विचारधारा को ठुकरा कर गांधी की ओर जा रहे हैं है तो यह तो अच्छी बात है। वहीं ग्वालियर विधायक इस बात का समर्थन सज्जन सिंह वर्मा ने भी कहा है सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि अगर कोई कांग्रेस पार्टी में आता है तो वह गॉडसे नहीं बल्कि गांधी विचारधारा से ही चलेगा।
दिग्विजय ने कहा- कौन चौरसिया
इस मामले में राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह (digvijay singh) से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह किसी बाबूलाल चौरसिया को नहीं जानते जबकि अजय सिंह(ajay singh), एमपी प्रजापति (np prajapati) और सुरेश पचौरी (suresh pachori) ने भी इस बात में सहमति और असहमति के बीच का रास्ता चुना है।
बता दें कि पिछले दिनों भाजपा नेता और राजसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया (jyotiraditya scindia) ने भी इस मामले में कांग्रेस से सवाल दागे थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की कथनी और करनी में काफी अंतर है। वह सिद्धांत और मूल्य से पूरी तरह से पथभ्रष्ट हो चुकी है।