भोपाल।
मध्य प्रदेश में उपचुनाव से पहले रविवार को कमलनाथ के आवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई। कांग्रेस दल की बैठक में एक तरफ जहां विधायकों ने शपथ ली कि अब कोई भी पार्टी छोड़कर नहीं जाएगा और एकजुटता से कार्य में लगेंगे। वहीं दूसरी तरफ विधायक दल की बैठक में कांग्रेस के ही दो नेता आपस में भिड़ गए। जिसे बाद में कांग्रेस के सज्जन वर्मा ने बीच बचाव करते हुए शांत करवाया।
दरअसल पार्टी के लगातार टूटते हुए विधायकों से चिंतित कांग्रेस के पीसीसी चीफ कमलनाथ ने अपने आवास पर रविवार को विधायक दल की बैठक बुलाई थी। शाम 7:00 बजे हुए इस बैठक में कमलनाथ के अलावा कांग्रेस के 85 विधायक उपस्थित थे। जहां विधायक दल की बैठक में कमलनाथ ने कहा कि उनका उद्देश्य सिर्फ पार्टी को मजबूत रखना है। कमलनाथ ने कहा कि मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद फैसला लिया था मैंने कि मैं आप लोग के बीच में रहूंगा। जिसकी वजह से मैं छिंदवाड़ा तक नहीं गया। वहीं उन्होंने कांग्रेस को हौसला देते हुए कहा कि कांग्रेस ने 1977 का दौर भी देखा है। कमलनाथ ने कहा कि हमें 26 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की रूपरेखा पर कार्य करना है और आगे की दिशा तय करनी है।
दो नेता आपस में भिड़े
हालांकि इससे पहले बैठक के दौरान जबलपुर से विधायक संजय यादव और कांग्रेस के पूर्व मंत्री तरुण भनोट के बीच नोकझोंक बढ़ गए। जबलपुर विधायक ने कांग्रेस के संगठनात्मक संरचना के लचर होने की बात कही।जिसके बाद पूर्व मंत्री तरुण भनोट और विधायक आमने-सामने आ गये हालांकि सज्जन वर्मा ने बीच बचाव करते हुए दोनों को शांत कराया। पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा ने कहा कि यह सही बात है कि कांग्रेस और हमारा संगठन अभी कमजोर है लेकिन हमें अब 26 विधानसभा सीटों के उपचुनाव पर ध्यान देना है जिसके लिए पार्टी का शीर्ष नेतृत्व भी लगा हुआ है। वही तरुण भनोट कहना है कि कमलनाथ सरकार ने पिछले 15 महीने में जितने काम किए है। उसके आधार पर वह उपचुनाव में जीत अवश्य हासिल करेंगे।
बीजेपी से कांग्रेस में आए नेताओं को टिकट देने की गलती
वही अपनी ही पार्टी से असहमति रखते हुए कांग्रेसी विधायकों ने विधायक दल की बैठक में कहा कि चुनाव से तुरंत पहले बीजेपी से कांग्रेस में आए नेताओं को टिकट देने की गलती आखिर कांग्रेस ने कैसे की थी। प्रदुमन लोधी और सुमित्रा देवी के टिकट देने की बात पर विधायकों ने अपनी ही पार्टी के लोगों को घेरा। विधायकों का कहना है कि जिसे पार्टी छोड़ना है उसे कोई रोक नहीं सकता वह अपने परिवार की भी नहीं सुनेगा।
इधर विधायक दल की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने विधायक को को एकजुट होने का संदेश देते हुए कहा के अगले विधायक दल की बैठक सरकार बनाने के लिए होगी। वहीं कांग्रेस विधायक दल की बैठक के 50 विधायकों ने शपथ ले ली कि अब कोई भी पार्टी से नहीं टूटेगा और सरकार को वापसी के लिए कार्य में लगेंगे।हालांकि इस बैठक में स्वास्थ्य कारणों की वजह से प्रवीण पाठक लखन घनघोरिया और रामलाल सहारे उपस्थित नहीं थे। वहीं आरिफ अकील और लक्ष्मण सिंह व अन्य कारणों से बैठक में मौजूद नहीं थे।