कृषि बिल को लेकर कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी (Former Minister Jitu Patwari) ने बताया कि पूरे देश में कृषि बिल (Agriculture Bill) के विरोध में किसान आक्रोशित है। पूरे भारत की अर्थव्यवस्था (Economy) चौपट होने वाली है, क्योंकि भारत का किसान (Farmers) प्रताड़ित हो रहा है। इसके बाद भी सरकार किसानों को केवल आश्वासन दे रही है, लेकिन लिखित तौर पर देने के लिए सामने नहीं आ रही है। आगे विधायक जीतू पटवारी ने कहा कि ऐसे में मालूम होता है कि भारत सरकार की नीयत ठीक नहीं है। आज पूरे देश के अन्नदाता सड़कों पर है।
पीएम ने किसानों की आय दोगुनी करने का किया था वादा
जीतू पटवारी ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों से वादा किया था कि वे 2022 तक उनकी आय दोगुनी कर देंगे। साथ ही कहा था कि किसानों की लागत और मेहनत का 50 प्रतिशत समर्थन मूल्य सरकार अपनी ओर से देंगे। जीतू पटवारी ने कहा कि प्रदेश में अपनी सरकार बनाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी किसानों को अपना भगवान बताते हुए कहा था कि वे 2020 तक किसानों की आय दोगुनी करेंगे।
अपने वादे से हट रही बीजेपी सरकार
पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने कहा कि अब बीजेपी अपने वादों से हटते हुए अलग तरह की बात कह रही है। वहीं कृषि मंत्री कमल पटेल द्वारा किसानों के संगठन को बिचौलियों का संगठन कहा जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक मंत्री ने किसानों को जूते तक मारने की बात कही थी। जिस पर जीतू पटवारी ने कहा कि ऐसे मंत्रियों को अपनी मानसिकता पर शर्म करना चाहिए, जिन किसानों की वजह से हमारा पेट भरता है, आज व्यापारियों को लाभ देने की मंशा से उन्ही किसानों के लिए ऐसे शब्दों का उपयोग कर रहे है।
सीएम शिवराज पर बोला हमला
जीतू पटवारी ने बीजेपी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि कृषि कानून के माध्यम से सरकार मंडियों को बंद करना चाह रही है। वहीं उन्होंने मध्यप्रदेश सरकार पर भी हमला बोलते हुए कहा कि जिन मंडियों से पहले 600 करोड़ रुपए की आय होती थी, वहां अब केवल सवा दो सौ करोड़ रुपए की ही आय हो रही है। मध्यप्रदेश की बीजेपी सरकार ने कहा था कि वो समर्थन मूल्य पर अनाज की खरीदी करेंगे, लेकिन उनका यह दावा झूठ और जुमलेबाजी निकली।
कृषि कानून के चलते गरीबों का छीन जाएगा राशन
इस दौरान पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने कहा कि मध्यप्रदेश में किसानी 70 से 80 फीसदी होती है और पूरे देश में संचालित उद्योग धंधे भी इससे जुड़े हुए है। पीसी शर्मा ने कहा कि जब प्रदेश में कमलनाथ की सरकार बनी थी तो उन्होंने किसानों का ऋण माफ करते हुए कहा था कि, ‘हमने किसानों का कर्ज माफ कर एहसान नहीं किया, बल्कि यह किसानों का हक है.’ इस दौरान उन्होंने कहा कि पूरे भारत में आधे से ज्यादा लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे है, जो बीपीएल कार्डधारी है। इस कानून के चलते उन गरीबों का राशन छीन जाएगा और महंगाई एक बड़ी परेशानी बन जाएगी। आगे उन्होंने कहा कि छोटा व्यापारी प्राइवेट मंडियां नहीं बना सकती है, वहीं बड़े-बड़े उद्योगपति खुद को अंबानी-अंडानी बना सकते हैं. इन्हीं उद्योगपतियों का मत होगा कि सरकारी मंडियां बद हो जाए।
कृषि मंत्री किसानों से मांगे माफी
बीते दिनों कृषि मंत्री कमल पटेल ने किसानों के लिए आपत्तिजनक शब्दों का उपयोग कर उनका अपमान किया था। जिसमें उन्होंने किसानों के संगठनों की तुलना कुकरमुत्ते से की है। साथ ही किसान संगठनों को बिचौलियों का संगठन और देशद्रोही कहा है। इस बयान को लेकर पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि इसके लिए कृषि मंत्री को किसानों से माफी मांगनी चाहिए।
सीएम को भी मांगनी चाहिए मांफी
वहीं कुछ समय पहले प्रोटेम स्पीकर ने किसानों द्वारा आत्महत्या करने पर कहा था कि, ‘सब्सिडी चाटने वाले किसान मरते हैं।’ वहीं पीसी शर्मा ने साध्वी प्रज्ञा पर भी हमला बोलते हुए कहा कि प्रज्ञा ठाकुर ने नाथूराम गोडसे को संत कहा और किसानों को आंतकवादी कह रही है। ऐसे बयानों के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी माफी मांगनी चाहिए।
किसानों के समर्थन में उतरेगी कांग्रेस पार्टी
कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने कहा कि ‘बीजेपी कांग्रेस पर किसानों को बरगलाने का आरोप लगा रही है। अब कांग्रेस सड़कों पर उतरेगी और किसानों के समर्थन में आंदोलन करेंगी। कांग्रेस किसानों को समझाएंगी कि, देश में मोदी इंडिया कंपनी चल रही है।’ इस दौरान पीसी शर्मा ने कहा कि किसानों की मांगों को लेकर हम पूरी ताकत के साथ आंदोलन करेंगे, साथ ही किसानों के साथ कांग्रेस उपवास भी रखेंगी।