भोपाल।
15 महिनों में ही कमलनाथ सरकार (Kamalnath sarkar) का पतन कर दोबारा सत्ता में आई प्रदेश की शिवराज सरकार (shivraj sarkar) का फोकस किसानों (farmers) पर बना हुआ है।सरकार लगातार कोरोना काल (corona crisis) में किसानों के हित में फैसले ले रही है। एक बार फिर सरकार ने किसानों को बड़ी राहत दी है। सरकार ने फैसला किया है कि पिछले वर्ष का शेष 6.45 लाख मीट्रिक टन उपार्जित गेहूं शीघ्र केन्द्रीय पूल में लिया जाकर किसानों को इसका भुगतान शीघ्र किया जायेगा। वही प्रवासी मजदूरों (migrant workers) को वन नेशन-वन राशन कार्ड (One Nation – One Ration Card) के तहत नवम्बर माह तक राशन मिलेगा
दरअसल, रविवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) दिल्ली पहुंचे थे, यहां उन्होंने केन्द्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान (Minister Ram Vilas Paswan) से मुलाकात की थी। इस दौरान शिवराज ने गेहूं उपार्जन, बोनस और प्रवासी मजदूरों के राशन से जुड़ी समस्याओं पर पर मंत्री से चर्चा की। शिवराज ने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष में प्रदेश में 73.70 लाख मीट्रिक टन किसानों द्वारा गेहूं उपार्जित किया गया था जिसमें से केन्द्र सरकार ने 67.25 लाख मीट्रिक टन को ही केन्द्रीय पूल में मान्य किया था। मुख्यमंत्री चौहान ने आग्रह किया कि शेष 6.45 लाख मीट्रिक टन गेहूं को भी केन्द्रीय पूल में शीघ्र शामिल किया जाय, जिससे किसानों को इसका भुगतान किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में प्रवासी मजदूरों को दिये जाने वाले राशन के संबंध में बताया कि प्रदेश में लगभग 13 लाख प्रवासी मजदूर लौटे हैं, जिनमें से लगभग 1 लाख 90 हजार मजदूरों के पास राशनकार्ड फिलहाल उपलब्ध नहीं होने से उन्हें राशन उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।
केन्द्रीय खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने मुख्यमंत्री चौहान को आश्वासन दिया कि पिछले वर्ष का शेष उपार्जित गेहूं 6.45 लाख मीट्रिक टन को शीघ्र ही केन्द्रीय पूल में शामिल किया जायेगा। जिससे किसानों को इसका भुगतान शीघ्र किया जा सके। साथ ही केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत सभी प्रवासी मजदूरों को माह नवम्बर 2020 तक राशन उपलब्ध करवाया जायेगा। उन्होंने कहा कि वन नेशन-वन राशन कार्ड सिद्धांत के तहत सभी प्रवासी मजदूरों को जो जहां भी है उसको वहां राशन मिलेगा।