आज शुक्रवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अस्पताल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मंत्रीगण से#COVID19 से बचाव व रोकथाम के साथ विभिन्न विषयों पर चर्चा कर रहे हैं।इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश के सभी मंत्रियों के वेतन में 30% की कटौती करने का फैसला किया है।कोरोना काल के दौरान एमपी के मुख्यमंत्री सहित सारे मंत्री 30 प्रतिशत सैलरी मुख्यमंत्री रिलीफ फंड में देंगे। उन्होंने बताया कि मंत्रियों के वेतन से काटी गई रकम का उपयोग कोरोनावायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए किया जाएगा।कोरोना के साथ रोजगार सेतु, पट्टों आदि मुद्दों पर भी हमारी सरकार निरंतर कार्य कर रही है।शिवराज ने एमपी के सांसद , विधायक से भी 30 परसेंट सैलरी देने की अपील की ।
आपको बता दे कि कोरोना संक्रमण की चपेट में आने के बाद से मुख्यमंत्री चौहान चिरायु अस्पताल में भर्ती है। एक तरफ जहां वह अपने निजी कार्य खुद कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ प्रदेश की स्थिति पर भी पल पल नजर बनाए हुए हैं।इसी को लेकर गुरुवार को भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सीएम ने कई बैठकें की थी।जहां नई शिक्षा नीति बैठक पर भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में वह शामिल हुए थे। आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश और आत्मनिर्भर भारत जैसी योजना के कार्यान्वयन और उनकी स्थिति के लिए मंत्रियों के साथ चर्चा करेंगे।
बता दे किइससे पहले मोदी सरकार ने ये फैसला लिया था। जिसके तहत प्रधानमंत्री, सभी मंत्रियों और सांसदों के वेतन में एक वर्ष तक 30% की कटौती की गई है।इसमें राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राज्यपाल भी शामिल है।यह सभी राशि Covid-19 से लड़ाई में उपयोग की जाएगी।
शिवराज के निर्देश-
-आगामी 14 अगस्त तक कोई सार्वजनिक दौरे नहीं करें, वीसी के माध्यम से बैठकें करें, वर्चुअल रैली करें, अपने आवास पर भी एक बार में 5 से अधिक व्यक्तियों से न मिलें।
-कोई भी जनप्रतिनिधि कोई भी सार्वजनिक कार्यक्रम न करे। गाइडलाइंस का पालन न करने पर जुर्माने तथा प्रकरण दर्ज करने की कार्रवाई की जाएगी।
-मास्क और फिजिकल डिस्टेंसिंग का अनिवार्य रूप से पालन करके ही हम कोरोना संक्रमण पर पूरा नियंत्रण कर पाएंगे।
-लॉकडाउन खुलने पर यदि इसका पालन नहीं किया जाता है, तो पुनः संक्रमण फैल जाता है। सारी मेहनत बेकार जाती है।
-दूसरी ओर लॉकडाउन करने से अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित होती है। अब वर्तमान घोषित लॉकडाउन के पश्चात लॉकडाउन नहीं करना है तथा पूरी सावधानी एवं सतर्कता के साथ विधि एवं नियमों का पालन करते हुए कोरोना को हराना है।
-कोई भी व्यक्ति चाहे वह मुख्यमंत्री हो, मंत्री हो, जनप्रतिनिधि हो अथवा अधिकारी हो, यदि उन्होंने इसका पालन नहीं किया तो फिर कार्यवाही होगी।